झारखंड में ‘आईएनडीआईए’ गठबंधन को लगा झटका, सीपीआई ने चार सीटों पर उतारे उम्मीदवार

रांची, 01 अप्रैल 

झारखंड में आईएनडीआईए गठबंधन में दरार आ गई है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) ने गठबंधन से नाता तोड़ लिया है। सीपीआई ने गठबंधन से अलग होकर चार सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। चतरा, लोहरदगा, पलामू और दुमका सीट के लिए उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की गयी है। पार्टी की प्रदेश इकाई ने गठबंधन में एक भी सीट नहीं मिलने पर यह फैसला किया है।

पार्टी की ओर से आधिकारिक तौर पर जारी पत्र के अनुसार, पलामू से अभय भुइयां, लोहरदगा से महेंद्र उरांव, चतरा से अर्जुन कुमार और दुमका से राजेश कुमार किस्कू उम्मीदवार बनाए गए हैं। पार्टी के सचिव महेन्द्र पाठक और पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने बताया कि पार्टी कुछ और सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी और अकेले दम पर चुनाव लड़ेगी।

पार्टी के राष्ट्रीय परिषद सदस्य प्रमोद कुमार पांडेय ने सोमवार को बताया कि पहले हमारी पार्टी गठबंधन का हिस्सा थी, लेकिन अब हम स्वतंत्र रूप से झारखंड के चुनाव मैदान में हैं। हमने गठबंधन के तहत सिर्फ एक सीट हजारीबाग देने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन उन्होंने इसे नहीं माना। हमारी पार्टी की राष्ट्रीय परिषद ने राज्य कमेटी को इसपर निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया था।

हजारीबाग सीट पर सीपीआई के भुवनेश्वर मेहता वर्ष 1991 और 2004 में चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे। इसी आधार पर पार्टी इस सीट पर दावेदारी कर रही थी।

आईएनडीआईए गठबंधन में इस बार हजारीबाग सीट कांग्रेस को दी गई है, जहां से मांडू क्षेत्र के विधायक जयप्रकाश भाई पटेल उम्मीदवार बनाए गए हैं। गठबंधन ने राज्य में सीट शेयरिंग का जो फॉर्मूला तैयार किया है, उसमें वामपंथी दलों में मात्र सीपीआई एमएल को कोडरमा की एक सीट दी गई है। इस सीट पर बगोदर क्षेत्र के सीपीआई एमएल विधायक विनोद सिंह उम्मीदवार बनाए गए हैं।

सीपीआई ने मांगी थी सिर्फ हजारीबाग सीट

सीपीआई की ओर से गठबंधन में से सिर्फ हजारीबाग लोकसभा सीट मांगी गई थी। पार्टी की ओर से तर्क दिया गया था कि हजारीबाग से सीपीआई के पूर्व राज्य सचिव भुवनेश्वर प्रसाद मेहता दो बार सांसद रह चुके हैं। पार्टी का वहां व्यापक जनाधार है, इसलिए हजारीबाग सीट पर सीपीआई का दावा बनता है लेकिन गठबंधन में हजारीबाग सीट कांग्रेस के खाते में चली गई है। कांग्रेस ने विधायक जेपी पटेल को हजारीबाग से उम्मीदवार बनाया गया है। इसके बाद सीपीआई ने गठबंधन से अलग होने का फैसला लिया।