TAASIR :–NEERAJ -20 SEPT
मुख्य काम गेंदबाजी है, लेकिन रविचंद्रन अश्विन ने बांग्लादेश के खिलाफ वीरवार को चेन्नई के एम. चिदंबरम स्टेडियम में शुरू हुई दो टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले टेस्ट के पहले दिन ही नाबाद शतक (102*, 112 गेंद, 10 चौके, 2 छक्के) जड़कर अपना नाम हमेशा के लिए इतिहास के सुनहरे पन्नों में दर्ज करा दिया. यह अश्विन के टेस्ट करियर का कुल मिलाकर छठा शतक रहा. और उनकी इस पारी से पहले दिन का खेल खत्म होने के समय भारत ने 6 विकेट पर 339 रन बना लिए थे. उनके साथ रवींद्र जडेजा भी 86 रन बनाकर नाबाद थे. और ये दोनों सातवें विकेट के लिए अभी तक नाबाद 195 रन की साझेदारी कर चुके हैं. बहरहाल, अश्विन ने पहले दिन जो उपलब्धि हासिल की, वास्तव में पहले कोई और खिलाड़ी भी यह हासिल नहीं कर सका था. कहा जा सकता है कि अश्विन ने कारनामे को एक नई ऊंचाई प्रदान की है. कुल मिलाकर यह अश्विन के करियर का छठा शतक रहा. और वह टेस्ट क्रिकेट इतिहास में पांच सौ से ज्यादा विकेट लेने वाले और छह शतक जड़ने वाले इकलौते गेंदबाज हैं. और जिन्हें बॉलर-कम-बल्लेबाज कहा जा सकता है. उनके अलावा आठ और गेंदबाजों ने पांच सौ या इससे ज्यादा विकेट लिए हैं. इनमें इंग्लैंड के स्टुअर्ट ब्रॉड की एक ऐसे गेंदबाज रहे, जो ठीक-ठाक बैटिंग कर लिया करते थे, लेकिन वह 3,662 रन बनाने के बावजूद वह भी करियर में सिर्फ एक ही शतक जड़ सके. पहले दिन की समाप्ति के बाद आर. अश्विन और रवींद्र जडेजा मिलकर अभी तक नाबाद 195 रन की साझेदारी सातवें विकेट के लिए कर चुके हैं. जब भारत के लिए सातवें विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी की बात आती है, तो यह रिकॉर्ड 280 रन का है. संयोग से यह भी अश्विन ने रोहित के साथ मिलकर 2013 में कोलकाता में विंडीज के खिलाफ किया था. कुल मिलाकर दोनों को यहां से मिलकर 86 रन और बनाने हैं. वैसे इस पड़ाव के बीच और भी कई साझेदारियां सातवें विकेट के लिए हैं. उम्मीद है कि शुक्रवार को इनमें से कुछ पर अश्विन और जडेजा जरूर पानी फेरेंगे.