TAASIR :–NEERAJ -18 SEPT
नौकरी के बदले जमीन घोटले में राजद सुप्रीमो लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव पर शिकंजा कस गया है. तेज प्रताप यादव को पहली बार इस मामले में कोर्ट ने समन जारी किया है. दिल्ली कि राउज एवेन्यु कोर्ट ने बुधवार को इस मामले कि सुनवाई करते हुए लालू यादव, तेजस्वी यादव सहित कुल अन्य आरोपियों को समन जारी किया गया जिसमें पहली बार तेज प्रताप यादव का नाम भी शामिल है. कोर्ट ने 7 अक्टूबर को पेश होने को कहा है. दरअसल, यह पूरा मामला रेलवे में नौकरी के लिए जमीन के बदले धनशोधन मामला से जुड़ा है. इसी में राउज एवेन्यू कोर्ट ने बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव और अन्य आरोपियों को समन जारी किया है. इसी दौरान कोर्ट ने अहम टिप्पणी करते हुए कहा है कि तेज प्रताप यादव की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता. वह एके इंफोसिस लिमिटेड के निदेशक भी थे. उन्हें भी समन भेजा गया है. उन्हें कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया गया है. अब तेज प्रताप यादव को 7 अक्टूबर को अन्य लोगों के साथ पेश होना होगा. इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 6 अगस्त को 11 आरोपियों के खिलाफ पूरक आरोपपत्र दाखिल किया था। इनमें से चार की मौत हो चुकी है. कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव, अखिलेश्वर सिंह, हजारी प्रसाद राय, संजय राय, धर्मेंद्र सिंह, किरण देवी को अगली तारीख 7 अक्टूबर को तलब किया है. हालांकि नौकरी के लिए जमीन के बदले धनशोधन मामले में तेज प्रताप यादव को पहली बार समन भेजा गया है. राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें 7 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होने को कहा है. क्या है नौकरी के बदले जमीन घोटाला : लालू यादव जब वर्ष 2004 से 2009 तक यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे उस दौरान उन पर रेलवे में ग्रुप डी कि नौकरी के बदले लोगों से जमीन लेने के आरोप लगे. इसी को लेकर बाद में उनके परिवार के कई सदस्यों के नाम आए कि उनके नाम पर जमीन ट्रांसफर हुआ. इसमें राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव के नाम भी शामिल रहे. वहीं अब तेज प्रताप यादव को भी पहली बार इस मामले में समन जारी किया गया है.