लालू-तेजस्वी की बढ़ी मुश्किलें, कोर्ट ने भेजा समन, इस दिन होना होगा पेश

                                                        TAASIR :–NEERAJ -18 SEPT 

लैंड फॉर जॉब मामले में राजद सुप्रीमो लालू यादव और तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। राऊज एवेन्यू कोर्ट ने लालू-तेजस्वी सहित 8 आरोपियों को समन भेजा है। अब लालू यादव और तेजस्वी यादव को 7 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होना होगा। लैंड फॉर जॉब मामले में कोर्ट ने लालू यादव- तेजस्वी यादव सहित 8 आरोपियों को तलब किया है। लालू यादव और तेजस्वी यादव सहित 8 आरोपियों को अब 7 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होना होगा। सबसे अहम बात यह है कि कोर्ट तेज प्रताप यादव को भी समन भेजा है। कोर्ट ने कहा है कि, तेजप्रताप यादव की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता है। बता दें कि, ED ने 6 अगस्त को सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की थी। तेजस्वी यादव व लालू यादव के खिलाफ  चार्टशीट दाखिल की थी। साथ ही कुल 11 लोगों के खिलाफ  सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल हुई थी। जिनमें में से तीन आरोपी की मौत हो चुकी है।  बता दें कि, कोर्ट ने अखिलेश्वर सिंह के साथ-साथ उनकी पत्नी किरण देवी को भी भेजा समन है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि तेज प्रताप यादव की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता। वह एके इंफोसिस लिमिटेड के निदेशक भी थे। कोर्ट ने किरण देवी और तेजप्रताप यादव को भी राउज़ ऐवन्यू कोर्ट ने समन जारी किया। ED की चार्जशीट में किरण देवी और तेजप्रताप यादव का बतौर नाम नहीं था। राउज एवन्यू कोर्ट ने लालू यादव, तेजप्रताप, तेजस्वी यादव व अन्य आरोपियों को 7 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि ए के इंफोसिस्टम द्वारा बिहार में राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव को 2014 में बड़ी तादात में ज़मीन ट्रांसफर किया गया। तेज प्रताप यादव भी लालू यादव परिवार के सदस्य है और मनी लांड्रिंग में इनकी भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए प्रथम दृष्टया में पर्याप्त सबूत हैं। इस मामले मे बड़ी तादात में ज़मीन का ट्रासंफर हुआ। कोर्ट ने कहा कि एजेंसी की चार्जशीट के मुताबिक यादव परिवार द्वारा पद का दुरुपयोग किया गया और यादव परिवार के नाम पर ज़मीन का ट्रांसफर हुआ। कोर्ट ने कहा कि लालू प्रसाद यादव मनी लांड्रिंग में शामिल थे और तेजस्वी यादव के खिलाफ भी मामले में पर्याप्त सबूत हैं। कोर्ट ने कहा कि किरण देवी ने मीसा भारती के नाम पर ज़मीन ट्रांसफर किया। जिसके बदले में किरण देवी के बेटे को नौकरी दी गई। इस मामले में किरण देवी के पति भी शामिल थे।