तवांग में दो दिवसीय दौरे पर रवाना हुए रक्षा मंत्री,

 TAASIR :–NEERAJ – 30, Oct

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू अरुणाचल प्रदेश के तवांग के दो दिवसीय दौरे पर रवाना हुए हैं. सूत्रों के मुताबिक, 31 अक्टूबर को दोनों नेता भारत-चीन सीमा पर तैनात सैनिकों के साथ दिवाली मनाएंगे. यह लद्दाख में भारत-चीन के बीच बलों के विस्थापन समझौते के बाद पहला दौरा है, जिसके तहत दोनों देश पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पुराने पेट्रोलिंग तरीकों को फिर से अपनाएंगे. तवांग का यांग्त्से क्षेत्र दोनों देशों के बीच तनाव का एक प्रमुख केंद्र है. 2022 में इस क्षेत्र में भारतीय सेना और चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी के बीच टकराव हुआ था, जिसमें दोनों पक्षों के सैनिकों को चोटें आई थीं. भारतीय सेना ने यांग्त्से क्षेत्र में चीनी सैनिकों की गश्त को रोका, जिससे भारत की क्षेत्र में पकड़ मजबूत हुई. बताया जा रहा है कि दोनों देश एक प्रस्ताव पर विचार कर रहे हैं, जिसके तहत चीनी सेना को नामित क्षेत्रों में गश्त की अनुमति दी जा सकती है. इसका उद्देश्य विवादित क्षेत्र में तनाव को कम करना और दोनों देशों की संतुलित उपस्थिति सुनिश्चित करना है. अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू और उपमुख्यमंत्री चोवना मेन ने 30 अक्टूबर को तवांग में भारतीय वायुसेना की उत्तराखंड युद्ध स्मारक कार रैली का स्वागत करेंगे. रक्षा मंत्री का यह दौरा सीमाओं की सुरक्षा में लगे सैनिकों का मनोबल बढ़ाने के लिए है. इससे पहले रक्षा मंत्री ने विजयादशमी के अवसर पर उन्होंने बुम ला पास पर तैनात सैनिकों के साथ त्योहार मनाया और कठिन परिस्थितियों में सीमा की रक्षा करने के लिए उनकी सराहना की. सिंह ने देश की सुरक्षा को मजबूत करने और स्वदेशी रक्षा उपकरणों के उत्पादन को बढ़ावा देने पर जोर दिया. उन्होंने असम के तेजपुर में स्थित 4 कोर मुख्यालय का भी दौरा किया और सैनिकों की परिचालन तैयारियों का जायजा लिया. बता दें बुम ला पास जो तिब्बत के त्सोना काउंटी और भारत के तवांग जिले को जोड़ता है. साल 2006 से अरुणाचल प्रदेश और तिब्बत के बीच व्यापारिक स्थल के रूप में कार्य कर रहा है. यह स्थान ऐतिहासिक रूप से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान यहां बुम ला की लड़ाई हुई थी.