ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में घुसकर चटाई धूल, 295 रन से पर्थ टेस्ट जीती टीम इंडिया

TAASIR :–NEERAJ – 25, Nov

पर्थ टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया की हार की कहानी लिख दी गई है. टीम इंडिया ने सबकी उम्मीदों से परे जाते हुए पर्थ में ये कमाल किया है. ऑस्ट्रेलिया पर जीत के साथ ही भारत ने सूद समेत अपना बदला भी ले लिया. पर्थ टेस्ट में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 295 रन से हराया जो कि विदेश में उसकी सबसे बड़ी जीत है . पर्थ में 5 टेस्ट की सीरीज का पहला मैच खेला जा रहा था, जिसे जीतकर टीम इंडिया ने 1-0 की बढ़त बना ली है. भारत ने पर्थ टेस्ट जीतने के लिए ऑस्ट्रेलिया के सामने 534 रन का लक्ष्य रखा था. लेकिन जैसा कि उम्मीद थी वो इस रनों के पहाड़ को चढ़ने में नाकाम रहे. इसमें भारत की तेज गेंदबाजी की भूमिका निर्णायक रही. कप्तान बुमराह की अगुवाई में भारत के पेस अटैक ने दोनों ही पारियों में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों की नाक में दम करके रख दिया. जिसका असर ये हुआ कि पर्थ में भारत को बड़ी जीत तो मिली ही. साथ ही उसका बदला भी पूरा हो गया. अब आप सोच रहे होंगे कि ये बदले वाली बात क्या है? इसके तार पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम पर खेले पिछले मैच से जुड़े हैं. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच ऑप्टस स्टेडियम पर पिछला मैच साल 2018 में खेला गया था, जो कि इस मैदान पर खेला गया पहला टेस्ट था. ऑस्ट्रेलिया ने भारत को उस टेस्ट मैच में 146 रनों के बड़े अंतर से हराया था. 6 साल बाद पर्थ के उसी ऑप्टस स्टेडियम भारत और ऑस्ट्रेलिया फिर से आमने-सामने थे. इस बार भारत ने ऑस्ट्रेलिया को पहली टक्कर में खुद को मिली हार के करीब दोगुने अंतर से हराया और सूद के साथ हिसाब बराबर किया. पर्थ टेस्ट में पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारत की पहली पारी 150 रन से आगे नहीं बढ़ी. जवाब में बुमराह ने भी 5 विकेट झटके और ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी को 104 रन पर ही लुढ़का दिया. इस तरह पहली पारी में भारत को 46 रन की बढ़त मिली. उसके बाद दूसरी पारी में भारत ने यशस्वी जायसवाल और विराट कोहली के शतकों के दम पर 6 विकेट पर 487 रन बनाए और पारी घोषित की. यशस्वी ने 161 रन बनाए जबकि विराट 100 रन बनाकर नाबाद रहे. अब ऑस्ट्रेलिया के सामने पर्थ टेस्ट में 534 रन का लक्ष्य था, जिसका पीछा करते हुए उन्होंने टॉप के अपने 4 विकेट सिर्फ 29 रन पर गंवा दिए. नतीजा ये हुआ कि इससे 136 साल पुराना रिकॉर्ड टूट गया. इससे पहले ऑस्ट्रेलियाई टॉप के 4 बल्लेबाज साल 1888 में मैनचेस्टर में खेले टेस्ट में 38 रन पर आउट हुए थे. दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया की ओर से सबसे ज्यादा 89 रन ट्रेविस हेड ने बनाए. उनके अलावा मिचेल मार्श ने 47 रन की पारी खेली. मगर ये उस पहाड़ जैसे स्कोर की चढ़ाई करने के लिए काफी नहीं रहे जो टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया के सामने सेट किए थे.