TAASIR :–NEERAJ – 25, Nov
बिहार विधानमंडल का पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू होने वाला है. शीतकालीन सत्र के हंगामेदार रहने की संभावना है, क्योंकि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति में आई कथित गिरावट, स्मार्ट प्रीपेड मीटर में कथित खामियां और भूमि सर्वेक्षण कार्य में किसानों को हो रही समस्याओं, जहरीली शराब से मौत, वक्फ (संशोधन) विधेयक, उद्योगपति गौतम अडानी की कंपनी के खिलाफ आरोप जैसे मुद्दे विपक्ष उठा सकता है। सत्र 29 नवंबर को समाप्त होगा। दो दिन पहले ही आए चार विधानसभा सीटों के उपचुनाव के परिणाम एनडीए के पक्ष में रहे हैं. ऐसे में एनडीए खेमा इससे काफी उत्साहित है. साथ ही सत्ता पक्ष के पास सदन में यह कहने के लिए है कि जनता ने नीतीश सरकार पर भरोसा जताया है और तेजस्वी सहित विपक्ष को नकार दिया है. हालाँकि कुछ विपक्षी विधायकों ने कहा कि वे ‘महिलाओं पर अत्याचार’, जीविका स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को कम पारिश्रमिक दिए जाने और कुछ सूक्ष्म वित्त कंपनियों द्वारा ग्रामीण महिलाओं के ‘आर्थिक शोषण’ के मुद्दों पर भी राज्य सरकार को घेरने की कोशिश करेंगे। संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि सरकार पांच दिवसीय सत्र के दौरान सदस्यों द्वारा उठाए गए सवालों का संतोषजनक जवाब देने की कोशिश करेगी। उन्होंने कहा, “हमने सभी विभागीय अधिकारियों को समय पर सरकार को जवाब भेजने का निर्देश दिया है।” विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने राज्य के मुख्य सचिव अमृत लाल मीना से कहा है कि वे विधायकों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब संबंधित विभागों से समय पर देने के लिए आवश्यक कदम उठाएं। विधानसभा में सीपीआई-एमएल के विधायक दल के नेता महबूब आलम ने पहले ही कहा है कि “कानून-व्यवस्था से जुड़े मुद्दों को उठाने के अलावा हम नीतीश कुमार की अगुवाई वाली एनडीए सरकार से वक्फ (संशोधन) विधेयक पर अपना रुख साफ करने को कहेंगे। हम गरीब लोगों और किसानों की समस्याओं पर भी सरकार को घेरेंगे।” कांग्रेस के विधायक भी गौतम अडानी की कंपनी से जुड़े मुद्दों को विधानसभा के अंदर और बाहर उठाने की तयारी में हैं।