TAASIR :–NEERAJ –21, April
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को 17वें सिविल सेवा दिवस कार्यक्रम में शिरकत की. विज्ञान भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में देशभर के सिविल सेवा अधिकारी शामिल हुए. पीएम मोदी ने कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारियों को संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने उन्हें सिविल सर्विस डे की शुभकामनाएं दीं. पीएम मोदी ने कहा कि इस साल का सिविल सेवा दिवस कई वजह से विशेष है. उन्होंने कहा कि इस साल हम अपने संविधान का 75वां वर्ष मना रहे हैं. ये सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयंती का भी साल है. पीएम मोदी ने कहा कि 21 अप्रैल 1947 को सरदार वल्लभ भाई पटेल ने आप सभी को ‘स्टील फ्रेम ऑफ इंडिया’ कहा था. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरदार पटेल ने स्वतंत्र भारत की ब्यूरोक्रेसी की नई मर्यादाएं तय की थीं. पीएम ने कहा कि, एक ऐसा सिविल सर्वेंट जो राष्ट्र की सेवा को अपना सर्वोत्तम कर्तव्य माने, जो लोकतांत्रित तरीके से प्रशासन चलाए, जो ईमानदारी से अनुशासन से समर्पण से भरा हुआ हो, जो देश के लक्ष्यों के लिए दिन रात काम करे. पीएम मोदी ने कहा कि आज जब हम विकसित भारत बनाने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं तो सरदार वल्लभ भाई पटेल की ये बातें और ज्यादा प्रासंगिक हो जाती हैं. पीएम मोदी ने कहा कि 2014 के बाद से देश में व्यवस्था परिवर्तन का एक बड़ा महायग्न शुरू हुआ है. हम इस तेज स्पीड के साथ हम खुद को तेजी से ढाल रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा कि भारत की एस्प्रेशनल सोसाइटी भारत के युवा, भारत के किसान, भारत की महिलाएं उनके सपनों की उड़ान आज जिस ऊंचाई पर है वो अभूतपूर्व है. पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत का गवर्नेंस मॉडल नेक्ट जनरेशन रिफॉर्म्स पर फोकस कर रहा है. हम टेक्नोलॉजी और इनोवेशन और इनोवेटिव प्रैक्टिस के जरिए सरकार और नागरिकों के बीच की दूरी समाप्त कर रहे हैं. पीएम मोदी ने सिविल सेवा डे कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि इसका असर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के साथ दूर-दराज के क्षेत्रों में भी दिख रहा है. पीएम मोदी ने कहा कि सही प्लानिंग और सही शिक्षा से दूर दराज के इलाकों में भी इच्छित परिवर्तन संभव है. पिछले दस सालों में भारत ने कई ट्रांसफॉर्मेटिव बदलाव करते दिखाए हैं, उपलब्धियों की नई ऊंचाई को छुआ है, भारत आज सिर्फ ग्रोथ की वजह से ही नहीं जाना जा रहा. बल्कि गवर्नेंस, ट्रांसपेरेंसी और इनोवेशन के बेंचमार्क आज भारत सेट कर रहा है. पीएम मोदी ने कहा कि जी-20 की अध्यक्षता भी इसका एक उदाहरण है. 60 से ज्यादा शहरों में 200 से ज्यादा बैठकें, इतना बड़ा और समावेशी फुटप्रिंट जी-20 के इतिहास में पहली बार हुआ.