TAASIR HINDI NEWS NETWORK ABHISHEK SINGH
भागलपुर, 22 अगस्त
जिले के लोगों के लिए अच्छी खबर यह है कि धीरे धीरे गंगा अब शांत हो रही है। गंगा अपने पुराने स्वरूप की ओर लौटने लगी है। गंगा के जलस्तर में 21 सेमी की कमी आई। गंगा के जलस्तर में लगातार आ रही कमी के बाद बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों ने राहत की सांस ली है।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पानी काफी कम हो गया है। गोराडीह प्रखंड में बाढ़ का पानी घटने से लोगों ने राहत की सांस ली है। भागलपुर गोराडीह मार्ग स्थित जम्सी गांव के समीप सड़क पर से पानी पूरी तरह से उतर चुका है। यहां वाहनों की आवाजाही शुरू हो चुकी है। हालांकि एहतियात के तौर पर प्रशासन के द्वारा भारी वाहनों के परिचालन पर रोक लगाई हुई है। जमसी, पिपरा सहित दर्जनों गांव से बाढ़ का पानी लगभग उतर चुका है। हालांकि निचले इलाके में अभी भी पानी देखा जा सकता है।
ग्रामीणों का कहना है कि विगत 3 दिनों में पानी 4 से 5 फीट तक कम हुआ है। अब पानी का बहाव भी गंगा की तरफ होने लगा लगा है। बाढ़ का पानी घटने से अब महामारी फैलने का खतरा भी बढ़ने लगा है। इस बार की त्रासदी ने दर्जनों गांव के किसानों की खुशहाली छीन ली है। एक तो पूर्व मानसून के बारिश में मूंग के फसलों को बर्बाद कर दिया था, रही सही कसर इस बाढ़ ने पूरी कर दी। हजारों एकड़ भूभाग में लगे धान के फसल गल कर पूरी तरह से बर्बाद हो चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि बिहार के किसान पूरी तरह से खेती के लिए मानसून पर निर्भर हैं। इस बार के बारिश ने किसानों को आस जगाई थी कि इस बार धान की पैदावार बहुत अच्छी होगी। लेकिन हुआ इसके विपरीत। महाजनों से कर्ज लेकर खेती करने वाले किसानों की कमर पूरी तरह से टूट चुकी है। किसान पूरी तरह से बर्बाद हो चुके हैं। यदि किसानों को फसल क्षतिपूर्ति की राशि नहीं मिली तो किसानों के समक्ष भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
फिलहाल जिला प्रशासन के द्वारा प्रखंड में कई सामुदायिक रसोई का संचालन किया जा रहा है। इस रसोई से बाढ़ पीड़ितों को दो वक्त की रोटी मिल रही है। लेकिन किसानों का काम इतने से चलने वाला नहीं है। उल्लेखनीय है कि बार गंगा का जलस्तर सबसे उच्चतम स्तर तक पहुंच गया था। 2017 में गंगा का जलस्तर अधिकतम 34.72 मीटर तक गया था, जबकि इस बार गंगा का जलस्तर 34.86 मीटर तक पहुंच गया। बाढ़ नियंत्रण भागलपुर प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता विनोद कुमार ने कहा कि अब गंगा में घटने की टेंडेंसी है।
लगातार जलस्तर में कमी आ रही है। 29.45 मीटर से उपर बह रही है। कार्यपालक अभियंता ने कहा कि डेंजर लेवल पर गंगा के पहुंचने के बाद फ्लड फाइटिंग का कार्य शुरू किया जाएगा। संभावित कटाव की समस्या रोकने के लिए विभाग पूरी तरह से तैयार है।