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कोटा, 27 अप्रैल
चाचा द्वारा अपनी भतीजी की जबरन शादी कराने के मामले में घर छोड़कर भागी एक 17 वर्षीय किशोरी को बोरखेड़ा थाना पुलिस ने दस्तयाब कर बुधवार को बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष कनीज फातिमा के समक्ष पेश किया।
किशोरी को राजकीय बालिका गृह नांन्ता में अस्थाई आश्रय दिया गया है।
बाल कल्याण समिति कोटा की अध्यक्ष कनीज फातिमा के अनुसार किशोर की उम्र 17 वर्ष जो कक्षा 3 तक पढ़ी लिखी हुई है। उसके अलावा परिवार में उसके दो भाई हैं।
काउंसलिंग के दौरान बालिका ने बताया कि उसकी सगाई डेढ़ साल पहले घरवालों की सहमति से हुई थी।
जिसके बाद वह लड़के से मोबाइल पर बात करने लगी और मन ही मन लड़के को अपना पति के रूप में अपना चुकी थी।
बाद में परिवार वालों द्वारा सगाई तोड़ दी गई और उसे चाचा के यहां रहने के लिए बोरखेड़ा में भेज दिया था।
परिवार वालो किशोरी की बिना सहमति के दूसरी जगह शादी करना चाहते थे।
जिससे नाराज होकर 14 मार्च को किशोरी जिस लड़की से उसकी सगाई हुई थी उसके साथ अपने चाचा के घर से पलायन कर गई।
दोनों कोटा से मोटरसाइकिल से दिल्ली पहुंचे। दिल्ली पहुंच कर उन्होंने 16 मार्च को कोर्ट मैरिज कर ली। उसके बाद लड़का किशोरी को लेकर अपने गांव सवाईमाधोपुर लेकर गाया।
जहां किशोरी को 15 दिन रखने के बाद लड़का किशोरी को लेकर अपने चाचा के घर जयपुर चला गया था।
इस संबंध में पीड़िता के परिजनों द्वारा बोरखेड़ा थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी जिस पर पुलिस ने धारा 363 आईपीसी में रिपोर्ट दर्ज कर बालिका की तलाश शुरू की और 26 अप्रैल को किशोरी को दस्तयाब कर बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया।