सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के शराबबंदी कानून को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई 18 अप्रैल तक के लिए टाल दी है।
बिहार सरकार की तरफ से वरिष्ठ वकील रंजीत कुमार ने कोर्ट को बताया कि 01 अप्रैल को राज्य सरकार ने कानून में कई बदलाव किए हैं। कोर्ट ने संशोधित कानून रिकॉर्ड पर रखने की अनुमति दी।
पहले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट में जमानत के मामलों में निपटारे में देरी पर चिंता व्यक्त की थी और सुझाव दिया था कि बिहार में शराबबंदी कानून से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए बेंच बनाने से मामलों के निपटारे में मदद मिलेगी।
कोर्ट ने कहा था कि एक बार चार्जशीट दाखिल हो जाने के बाद मजिस्ट्रेट के समक्ष मुकदमा योग्य अपराधों में आरोपितों को हिरासत में लेने की जरूरत नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पटना हाईकोर्ट में काफी मामले लंबित हैं। हाईकोर्ट के लगभग साठ फीसदी जज केवल जमानत के मामलों की ही सुनवाई कर रहे हैं।
हाईकोर्ट जमानती अदालत नहीं बल्कि संवैधानिक अदालत है। उसके बाद बिहार सरकार ने कहा कि वो शराबबंदी कानून में बदलाव करेगी।
उल्लेखनीय है कि बिहार सरकार ने 2016 में संपूर्ण शराबबंदी कानून राज्य में लागू किया था। इसके तहत पूरे बिहार में शराब उत्पादन, बिक्री और खपत पूरी तरह प्रतिबंधित है।