सुप्रीम कोर्ट में आज वैवाहिक विवादों व जमानत के मामलों की सुनवाई सिर्फ महिला जजों की पीठ सुनवाई करेगी। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड ने इसके लिए जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी की पीठ गठित की है। महिला जजों की पीठ वैवाहिक विवादों व जमानत के हस्तांतरित मामलों की सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में यह तीसरा मौका है, जब सिर्फ महिला न्यायाधीशों की पीठ का गठन किया गया है। दोनों महिला जजों की यह पीठ फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के कमरा नंबर 11 में सुनवाई कर रही है। सिर्फ महिला जजों की इस पीठ के समक्ष 32 मामले सूचीबद्ध किए गए हैं। सुनवाई की शुरुआत वैवाहिक विवादों के 10 हस्तांतरित मामलों से हुई। इसके बाद 10 मामले जमानत के व अन्य सुने जाएंगे। शीर्ष कोर्ट में पहली महिला पीठ का गठन 2013 में किया गया था। तब जस्टिस ज्ञानसुधा मिश्र और जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की पीठ बनाई गई थी। इसके बाद 2018 में जस्टिस आर बानुमति व जस्टिस इंदिरा बनर्जी की पीठ बनाई गई। सुप्रीम कोर्ट में वर्तमान में तीन महिला न्यायाधीश हैं। इनमें जस्टिस हिमा कोहली, जस्टिस बीवी नागरत्न और जस्टिस बेला त्रिवेदी शामिल हैं। जस्टिस बीवी नागरत्न 2027 में देश की पहली महिला प्रधान न्यायाधीश बनने वाली हैं। सर्वोच्च अदालत में वर्तमान में सीजेआई समेत 27 न्यायाधीश कार्यरत हैं, जबकि स्वीकृत पदों की संख्या 34 है। इस बीच, कॉलेजियम की सिफारिशों के अनुसार जजों की नियुक्तियां नहीं करने को लेकर शीर्ष कोर्ट व सरकार के बीच तकरार जारी है। नियुक्तियों की फाइलें रोके जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त नाराजगी प्रकट की है।