बढ़ती महंगाई के बीच उत्तराखंड में उपभोक्तओं को एक अप्रैल से बिजली और पानी के लिये जेबें अधिक ढीली करनी होंगी. प्रदेश में एक अप्रैल से बिजली की दरों में 12 फीसदी तक की बढोत्तरी हो सकती है. इस संबंध में उत्तराखंड उर्जा निगम ने प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग को भेज दिया है जो इस सप्ताह होने वाली अपनी बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे सकता है. इससे प्रदेश के 27.50 लाख उपभोक्ता प्रभावित होंगे.सरकारी सूत्रों ने बताया कि निगम के प्रस्ताव में 17 प्रतिशत की बढोत्तरी प्रस्तावित की गयी थी परंतु आयोग ने इसे 12 फीसदी कर दिया. पिछले साल तीन बार बिजली की दरें बढाई गयी थीं . दूसरी तरफ, उत्तराखंड जल संस्थान ने सरकार से पानी की दरों में 15 फीसदी वृद्धि करने की मंजूरी ले ली है. इससे पहली अप्रैल से प्रदेश भर में पानी प्रति तिमाही 150 से 200 रू मंहगा हो जाएगा.उत्तराखंड जल संस्थान की मुख्य महाप्रबंधक नीलिमा गर्ग ने कहा कि पानी के बिल में हर साल वृद्धि होती है और इससे उपभोक्ताओं पर ज्यादा भार नहीं पडेगा.उधर, उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि इस संबंध में वह सोमवार को अधिकारियों से जानकारी लेंगे और इसके बाद ही आगे की रणनीति तय करेंगे बता दें उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने बुधवार को राज्य विधानसभा में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 77,407.08 करोड रुपये का बजट पेश किया है. यह चालू वित्त वर्ष के बजट के मुकाबले 18.05 प्रतिशत अधिक है। बजट में शिक्षा के लिए 10,459 करोड़ रुपये, जोशीमठ भूधंसाव राहत कार्यों के लिए 1,000 करोड़ रुपये तथा 300 मेगावॉट लखवाड परियोजना के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.बजट में अगले वित्त वर्ष में 57,057 करोड रुपये की राजस्व प्राप्ति का अनुमान लगाया गया है। जबकि चालू वित्त वर्ष में राजस्व प्राप्ति 51,474 करोड़ रुपये रहने की संभावना है. बजट में कुल व्यय 77,407.08 करोड़ रुपये अनुमानित है जो पिछली बार के मुकाबले 18.05 फीसदी अधिक है. इस बार प्रदेश में राजस्व अधिशेष बजट पेश किया गया है जो 4,309 करोड रुपये है. बजट में राजकोषीय घाटा 9,046 करोड़ रुपये रहने का अनुमान रखा गया है.