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बिल्किस बानो मामले में दोषियों की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, शीर्ष कोर्ट ने गठित की नई पीठ,

Written by Taasir Newspaper
TAASIR HINDI NEWS NETWORK-NEERAJ KUMAR 

24 मार्च  2023,

नई दिल्ली

बिल्किस बानो मामले में रिहा चल रहे दोषियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की समय पूर्व रिहाई के खिलाफ दर्ज याचिका पर सुनवाई के लिए नई पीठ का गठन कर दिया है। इतना ही नहीं मामले में गठित की गई नई पीठ 27 मार्च को सुनवाई करेगी। गौरतलब है कि साल 2002 में बिल्किस बानो के साथ गैंगरेप के मामले में सभी 11 दोषियों को समय पूर्व ही रिहा कर दिया गया था। दोषियों को उम्रकैद की सजा हुई थी लेकिन 15 अगस्त 2022 को गुजरात की गोधरा जेल में सजा काट रहे इन कैदियों को गुजरात सरकार ने सजा माफी की नीति के तहत रिहा कर दिया था। रिहा किए गए लोगों में से कुछ 15 साल तो कुछ 18 साल की जेल काट चुके हैं। जस्टिस केएम जोसेफ और बीवी नागरत्ना की यह पीठ कई राजनीतिक और नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं द्वारा दायर याचिकाओं और बिल्किस बानो द्वारा दायर एक रिट याचिका पर सुनवाई करेगी। इससे पहले 22 मार्च को, मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया था। साथ ही दलीलों के बैच की सुनवाई के लिए एक नई पीठ गठित करने पर सहमति व्यक्त की थी। गौरतलब है कि बिल्किस बानो ने पिछले साल 30 नवंबर को शीर्ष अदालत में राज्य सरकार द्वारा 11 लोगों को आजीवन कारावास से समय से पहले रिहाई को चुनौती दी थी। साथ ही यह भी कहा था कि इसने समाज की अंतरात्मा को हिला दिया है। वहीं, 4 जनवरी को जस्टिस अजय रस्तोगी और बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने बानो द्वारा दायर याचिका और अन्य याचिकाओं पर सुनवाई की थी। हालांकि, न्यायमूर्ति त्रिवेदी ने बिना कोई कारण बताए मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था। दोषियों की रिहाई के खिलाफ दायर याचिका के साथ ही बिल्किस बानो ने 13 मई 2022 को दिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भी एक पुनर्विचार याचिका दायर की थी। इसमें शीर्ष अदालत के 13 मई, 2022 को एक दोषी की याचिका पर दिए गए आदेश की समीक्षा की मांग की गई थी। हालांकि समीक्षा याचिका को बाद में पिछले साल दिसंबर में खारिज कर दिया गया था। 13 मई 2022 को दिए फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को दोषियों की समय पूर्व रिहाई पर विचार करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने गुजरात सरकार को 9 जुलाई 1992 की उसकी नीति पर विचार करने को कहा था। इसके बाद ही 15 अगस्त 2022 को गुजरात सरकार ने दोषियों को समय पूर्व रिहा करने का आदेश दिया था। बता दें कि 2002 के दंगों के दौरान बिल्किस बानो के परिवार के सात लोगों की हत्या भी कर दी गई थी।

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