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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज लोक सभा में पेश करेंगी वित्त विधेयक, बजट को मिल चुकी है मंजूरी,

Written by Taasir Newspaper
TAASIR HINDI NEWS NETWORK-NEERAJ KUMAR 

24 मार्च  2023,

नई दिल्ली

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 24 मार्च को वित्त वर्ष 2023-2024 के लिए केंद्र सरकार के वित्तीय प्रस्तावों को लागू करने के लिए वित्त विधेयक, 2023 को लोकसभा में पेश करेंगी. गुरुवार को लोकसभा ने बिना किसी चर्चा के 1 अप्रैल से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष के लिए लगभग 45 लाख करोड़ रुपये के खर्च की परिकल्पना वाले केंद्रीय बजट को मंजूरी दे दी, क्योंकि विपक्ष अडानी समूह के खिलाफ आरोपों की जेपीसी जांच की मांग पर हंगामा करता रहा.संसद के निचले सदन ने दो स्थगनों के बाद अनुदान और विनियोग विधेयकों की मांगों को उठाया, क्योंकि सत्तारूढ़ और विपक्षी सांसद राहुल गांधी द्वारा माफी की मांग और अडानी मुद्दे को लेकर हंगामा करते रहे.बजट सत्र के दूसरे चरण का अधिकांश हिस्सा दोनों पक्षों के विरोध के कारण कैसिल हो गया और यह उन दुर्लभ अवसरों में से एक रहा, जब बजट बिना किसी चर्चा के पारित हो गया. लोकसभा के दो बार स्थगन के बाद शाम 6 बजे फिर से शुरू होने के तुरंत बाद, स्पीकर ओम बिरला ने विपक्ष के कटौती प्रस्ताव या सरकारी खर्च योजना में संशोधन को वोट के लिए रखा, जिसे ध्वनि मत से खारिज कर दिया गया. इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2023-24 के लिए अनुदान मांगों और संबंधित विनियोग विधेयकों को चर्चा और मतदान के लिए पेश किया.वित्त विधेयक 2023 में उन कर प्रस्तावों को शामिल किया गया है जिन्हें सीतारमण ने 1 फरवरी को बजट पेश करते समय पेश किया था.बजट से संबंधित सभी विधेयक राज्य सभा को प्रेषित किए जाएंगे, जो कोई बदलाव नहीं कर सकते हैं, लेकिन उन्हें केवल चर्चा के बाद लोकसभा को लौटाना होता है, क्योंकि उन्हें ‘मनी बिल’ के रूप में वर्गीकृत किया जाता है, जिसके लिए केवल निचले सदन की स्वीकृति की आवश्यकता होती है.मौजूदा संसद सत्र 6 अप्रैल को समाप्त होने वाला है. ऐसी अटकलें हैं कि बजटीय कवायद पूरी होने के बाद सत्र की अवधि कम की जा सकती है.पुरानी परंपराओं के विपरीत, इस बार लोकसभा ने चिन्हित मंत्रालयों की अनुदान मांगों पर चर्चा नहीं की. कार्य मंत्रणा समिति ने रेल मंत्रालय, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, पंचायती राज, आदिवासी मामलों और पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालयों पर चर्चा को मंजूरी दी थी.हालांकि, बजट सत्र के दूसरे चरण के लिए बजट सत्र के फिर से होने के बाद सदन में लगातार व्यवधान के कारण कोई चर्चा नहीं हो सकी.

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