TAASIR NEWS NETWORK- SYED M HASSAN -23 AUG
23 अगस्त 2023, पटना
महत्वपूर्ण बिंदु:-
● जनता दल (यू0) द्वारा ग्राम संसद एवं कर्पूरी चर्चा कार्यक्रम के माध्यम से राज्य सरकार की उपलब्धियों के साथ-साथ जनकल्याण की दिशा में चल रहे अनेकों योजनाएं की जानकारी जनता तक पहुंचाई जा रही है ताकि आम लोग उन योजनाओं से लाभान्वित सके।
● कल हमारे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने भी प्रेसवार्ता के माध्यम से जातीय गणना के संदर्भ में विस्तृत जानकारी साझा की थी उन्होंने स्पष्ट कहा था कि राज्य सरकार जनता की आर्थिक और सामाजिक स्थिति का आंकलन करने के लिए जातीय गणना करवा रही है और इस गणना के माध्यम से जो भी रिपोर्ट सामने आएगी सरकार उसके आधार पर लोगों के लिए अनुपातिक रूप में कल्याणकारी योजनाओं का आगे की रूपरेखा तैयार करेगी।
● जातीय गणना में अड़ंगा लगाने के लिए भी भारतीय जनता पार्टी ने पर्दे के पीछे से अपने सहयोगी संगठनों को आगे कर माननीय पटना उच्च न्यायालय में याचिका दायर करवाया लेकिन माननीय उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री से श्री नीतीश कुमार के सामाजिक न्याय के साथ विकास की अवधारणा पर मोहर लगाते हुए जातीय है गणना के पक्ष में अपना फैसला सुनाया। उच्च न्यायालय में जब भाजपा की साजिश नाकाम हो गई तब यह लोग माननिय सुप्रीम कोर्ट चले गए और वहां भारत सरकार के सॉलिसिटर जनरल जातीय गणना के खिलाफ बहस करने के लिए खड़े हो गए। भाजपा अब बिहार की जनता के सामने बेनकाब हो चुकी है
● हम सभी को भारतीय जनता पार्टी से सतर्क और सजक रहने की आवश्यकता है। इनका असली चाल, चरित्र और चेहरा जनता के सामने उजागर हो चुका है, भाजपा के इस आचरण से साबित हो गया कि ये लोग गरीब विरोधी, दलित विरोधी, महिला विरोधी, पिछड़ा विरोधी, अति-पिछड़ा विरोधी और वंचित विरोधी हैं।
● प्रधानमंत्री जी ने बेटी बचाओ का नारा दिया था मगर वो यह बताना भूल गए की बेटी बचाना किससे है। भाजपा के नेता, विधायक और सांसदो से ही देश की बेटियां आज खुद को और असुरक्षित महसूस कर रही है जिसका एक ताजा प्रमाण भाजपा के सांसद बृजभूषण शरण सिंह है जिन्होंने पहलवान बेटियों के साथ दुर्व्यवहार किया। जिन बेटियों ने देश को गौरान्वित किया उन्हें उन्हें न्याय के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ी। माननीय सर्वाेच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद उनकी प्राथमिक दर्ज की गई। इस पूरे प्रकरण पर प्रधानमंत्री जी ने अब तक अपना मुंह नहीं खोला।
● गुजरात में बलात्कार मामले में दोषी करार दिए गए गुनहगारों को गुजरात की भाजपा सरकार द्वारा गलत तरिके से रेमिशन बोर्ड का गठन कर उनकी रिहाई करवाई और बेशर्मी की परकाष्ठा का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब बलात्कार की दोषी जेल से बाहर निकले तो भाजपा के लोगों ने फूल मालाओं से उनका स्वागत किया।
● मणिपुर बीते 100 दिनों से जल रहा है, वहां महिलाओं के साथ किस प्रकार का अमानवीय दुर्व्यवहार किया गया पूरे देश ने देखा। इस घटना का अंजाम देने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने में 72 दिन का समय लग गया और सुप्रीम कोर्ट ने जब इस मामले को संज्ञान में लिया तब देश के प्रधानमंत्री जी ने अपनी चुप्पी तोड़ी। और चुप्पी तोड़ी भी तो उन्होंने मात्र 36 सकेंड ही मणिपुर पर बोला।
मन की बात करने वाले प्रधानमंत्री जी, इससे बड़ा शर्मनाक क्या हो सकता है कि देश की बेटियां एवं महिलाएं आपके मन की बात को विगत 4 महीना से सुनती रही इस उम्मीद में की आप उनकी पीड़ा उनकी वेदना एवं उनके साथ हुए शोषण के विरुद्ध आप कुछ बोलेंगे, उन्हें न्याय मिल सके इस बात का विश्वास दिलाएंगे लेकिन आपने तो मुंह खोला ही नहीं तंग आकर उन्होंने रेडियो को हि तोड़ डाला।
● प्रधानमंत्री जी चाहते हैं कि कोई भी उनकी सरकार के विरोध में आवाज़ बुलंद न करे। सरकारी जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर लोगों को बोलने की आज़ादी से वंचित रखा जा रहा है। विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में पहले हमारा भारत 133 वें स्थान पर था जो अब ये 150वें स्थान पर जा चुका है। इससे स्पष्ट है कि । नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हमारा देश अब तानाशाही की तरफ़ बढ़ रहा है जो की हमारे संविधान के विपरीप है।