वायु सेना ने ली इजरायली स्पाइक एटीजीएम, हेलीकॉप्टरों से होगा परीक्षण

TAASIR HINDI NEWS NETWORK ABHISHEK SINGH

वायु सेना ने ली इजरायली स्पाइक एटीजीएम, हेलीकॉप्टरों से होगा परीक्षण
– जमीनी, विमानन और समुद्री प्लेटफार्मों के साथ एकीकरण करने में सक्षम
– इजरायल के अलावा अन्य 38 देश कर रहे हैं स्पाइक मिसाइलों का उपयोग
नई दिल्ली, 04 अगस्त 

भारतीय वायु सेना ने परीक्षण के लिए कुछ मात्रा में इजरायली स्पाइक एनएलओएस एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) की डिलीवरी ली है। फायरिंग परीक्षणों के लिए इसे एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टर के साथ एकीकृत किया जाएगा। बाद में इसे अन्य भारतीय अटैक हेलीकॉप्टरों पर भी लैस किए जाने की योजना है। स्पाइक एनएलओएस जमीनी, विमानन और समुद्री प्लेटफार्मों के साथ एकीकरण करने में सक्षम है।
इजरायली स्पाइक एनएलओएस एक बहुउद्देशीय, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल/इन्फ्रारेड मिसाइल प्रणाली है। फिलहाल इसकी रेंज 32 किलोमीटर है, इसलिए भारतीय सेनाएं इसे ”मेक इन इंडिया” के जरिए बड़ी मात्रा में चाहती हैं। स्पाइक एनएलओएस को जमीन, विमानन या समुद्री प्लेटफार्मों के साथ एकीकृत किया जा सकता है, जबकि ऑपरेटर दूर के या भौगोलिक रूप से छिपे हुए लक्ष्यों पर लाइन-ऑफ-विजन के बिना हमला करने की अपनी स्टैंड-ऑफ क्षमता का लाभ उठा सकते हैं।
इजरायली स्पाइक का वायरलेस डेटा लिंक ऑपरेटरों को मिसाइल की उड़ान के दौरान वास्तविक समय की वीडियो इमेजरी और मैन-इन-द-लूप नियंत्रण प्रदान करता है। यह ऑपरेटरों को लक्ष्य के रास्ते में मिशन को बदलने या निरस्त करने का भी मौका देता है। एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) के स्पाइक परिवार को इजरायल स्थित रक्षा प्रौद्योगिकी कंपनी राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स ने विकसित किया है। राफेल ने दुनिया भर में 30 हजार से अधिक स्पाइक मिसाइलें बेची हैं, जिन्हें 45 से अधिक विभिन्न प्लेटफार्मों से लॉन्च किया जा सकता है।
ये इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल (ईओ) और फाइबर-ऑप्टिक प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने वाली हल्की ”दागो और भूल जाओ” सामरिक निर्देशित मिसाइलें हैं। सिस्टम का उपयोग पैदल सैनिकों, विशेष तीव्र प्रतिक्रिया बलों, जमीनी बलों और हेलीकॉप्टर से किया जाता है। स्पाइक मिसाइलों का उपयोग इजरायल के अलावा अन्य 38 देशों के रक्षा बल कर रहे हैं, जिनमें लातविया, स्लोवेनिया, स्लोवाकिया, यूके, फिलीपींस, सिंगापुर, नीदरलैंड, रोमानिया, चिली, कोलंबिया, फिनलैंड, जर्मनी, पोलैंड, इटली, पेरू, स्पेन, बेल्जियम, ब्राजील, कनाडा, इक्वाडोर, एस्टोनिया और लिथुआनिया शामिल हैं।