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हाई कोर्ट में 1984 के सिख दंगा पीड़ितों के मुआवजे पर हुई सुनवाई
रांची, 13 अक्टूबर
झारखंड हाई कोर्ट में वर्ष 1984 के सिख दंगा में झारखंड में प्रभावित लोगों को मुआवजा दिलाने एवं सिख दंगा से संबंधित केस क्रिमिनल केस की मॉनिटरिंग करने को लेकर दायर सतनाम सिंह गंभीर जनहित याचिका की सुनवाई शुक्रवार को हुई। मामले में राज्य सरकार की ओर से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल नहीं किया जा सका। चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई एक नवंबर निर्धारित की है।
कोर्ट ने पूर्व में स्टेटस रिपोर्ट सरकार को बताने को कहा था कि सिख दंगा के पीड़ितों को मुआवजा देने के कमीशन की रिपोर्ट पर क्या कार्रवाई हुई है। मुआवजा की राशि किन-किन जिलों में दी जानी है। मुआवजा भुगतान को लेकर क्या पहल की जा रही है। याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि सिख दंगा को लेकर जो प्राथमिकी दर्ज हुई थी उसे पर क्या कार्रवाई हुई है, इस पर भी राज्य सरकार से स्टेटस रिपोर्ट मांगी जानी चाहिए।
पिछली सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से बताया गया था की तीन जिलों रांची, पलामू और रामगढ़ में पीड़ितों को मुआवजा भुगतान की प्रक्रिया शुरुआत कर दी गई है जबकि बोकारो में मुआवजा वितरण के लिए अतिरिक्त फंड की आवश्यकता है। इस पर कोर्ट ने मामले में मुआवजा भुगतान से संबंधित अपटूडेट स्टेटस रिपोर्ट राज्य सरकार से मांगा था। पूर्व में ही याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया था कि कमीशन ने चार जिलों में सिख दंगा पीड़ितों को मुआवजा भुगतान करने का राज्य सरकार को निर्देश दिया है।
हाई कोर्ट के आदेश पर सिख दंगा मामले को लेकर रिटायर्ड जस्टिस डीपी सिंह की अध्यक्षता में गठित वन मैन कमीशन ने अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को दी है, जिसमें झारखंड के सिख दंगे से प्रभावित चार जिलों रांची, रामगढ़, बोकारो, पलामू के लोगों को मुआवजा देने के संबंध में आदेश पारित किया गया है।