जामा मस्जिद के पास पार्क पर कब्जा न कर पाने पर एमसीडी को दिल्ली हाई कोर्ट की फटकार

TAASIR HINDI NEWS NETWORK ABHISHEK SINGH

 दिल्ली पुलिस की मदद से पार्कों को अपने कब्जे में लेने का आदेश
नई दिल्ली, 17 नवंबर

दिल्ली हाई कोर्ट ने जामा मस्जिद के पास स्थित पार्क पर अपना कब्जा न कर पाने पर दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को फटकार लगाई है। कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने एमसीडी को निर्देश दिया कि वो पार्कों को अपने कब्जे में लें और अगर इसके लिए पुलिस की जरूरत पड़े तो दिल्ली पुलिस की मदद ले। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि वो पार्कों का अतिक्रमण हटाने में एमसीडी की मदद करें।
कोर्ट ने दिल्ली नगर निगम से इस संबंध में चार हफ्ते के अंदर ताजा स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। सुनवाई के दौरान दिल्ली नगर निगम की ओर से पेश वकील ने कहा कि डीडीए ने जामा मस्जिद के पास के कुछ पार्कों का कब्जा 2007 में सौंपा था। नगर निगम ने कहा कि कहने को उनके पास सभी पार्कों का कब्जा है लेकिन उन्हें उत्तरी और दक्षिणी पार्क में प्रवेश नहीं करने दिया जाता था। अभी हाल ही में उन्हें दक्षिणी पार्क में प्रवेश करने की अनुमति मिली है, जिसके रखरखाव का काम वे कर रहे हैं, लेकिन उत्तरी पार्क अभी भी जामा मस्जिद प्रशासन के कब्जे में है। दिल्ली नगर निगम ने कहा कि उत्तरी पार्क में वजूखाना मौजूद है। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि सार्वजनिक पार्कों के अतिक्रमण की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
याचिका स्थानीय निवासी मोहम्मद अर्सलन ने दायर की है। एक सितंबर 2021 को हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार और उत्तरी दिल्ली नगर निगम को निर्देश दिया था कि वो याचिका पर प्रतिवेदन की तरह विचार करें। याचिकाकर्ता की ओर से वकील मोहम्मद अली और मोतिउर रहमान ने कहा कि 2021 में हाई कोर्ट ने सकारात्मक रवैया अपनाते हुए याचिका का निस्तारण किया था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई है। सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा था कि दिल्ली सरकार ने साफ-साफ आदेश दे रखा है कि अनधिकृत कब्जे और अतिक्रमण को हटाया जाए। इस पर कोर्ट ने कहा कि क्या आदेश देने से काम हो गया या जमीन पर भी कुछ होगा।
याचिका में कहा गया है कि जामा मस्जिद के मीना बाजार के आसपास के सभी रैन बसेरों को हटाया जाए। दिल्ली शहरी आश्रय विकास बोर्ड ने ये रैन बसेरे बनाए हैं। याचिका में मीना बाजार के पास के ऊर्दू बाजार को भी हटाने की मांग की गई थी। इन रैन बसेरों और पार्क के पास कुछ लोग अवैध रूप से पार्किंग चलाते हैं और वहीं ई-रिक्शा चार्ज करते हैं।
याचिका में कहा गया है कि इलाके के लोगों को दूसरा कोई पार्क नहीं है जहां वे मनोरंजन या टहलने के लिए जा सकें। यहां के बच्चों को आसपास में दूसरा कोई खेलने का मैदान नहीं होने से घरों में ही कैद रहते हैं। पुरानी दिल्ली का इलाका, चावड़ी बाजार, चूड़ी वाला, मटिया महल और जामा मस्जिद इलाके में घनी आबादी रहती है। इन इलाकों में इन सार्वजनिक पार्कों को छोड़कर दूसरा कोई पार्क नहीं है। इलाके के नागरिकों को स्वच्छ और स्वस्थ पर्यावरण के मौलिक अधिकार से वंचित किया जाता है।