वायु प्रदूषण के हानिकारक प्रभाव से बचने के लिए उपयोगी हैं आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे

TAASIR HINDI NEWS NETWORK MUNNA SINGH

वायु प्रदूषण के हानिकारक प्रभाव से बचने के लिए उपयोगी हैं आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे
– एआईआईए निदेशक तनुजा नेसारी ने कहा, गर्म पानी का सेवन भी करेगा वायु प्रदूषण से रक्षा, जलनेति भी है सफल उपाय
नई दिल्ली, 04 नवंबर 

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आसपास इलाकों की हवा में घुलते जहर ने सरकार, नागरिक समाज और अदालतों की चिंता बढ़ा दी है। हवा के इस आपातकाल ने सांसों को संकट में डाल दिया है। इससे बचने के लिए लोग तरह तरह के उपाय कर रहे हैं लेकिन हवा में घुले जगह का कारगर उपाय आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खों में भी है। इसके मद्देनजर अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) की निदेशक डॉ. तनुजा नेसारी से आज ‘हिन्दुस्थान समाचार’ ने फौरी उपायों पर बातचीत की। उन्होंने कहा कि इस संकट का हल दुनिया की सबसे भरोसेमंद भारतीय चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद में है। लोगों को आयुर्वेद के कुछ उपायों को अपने रोजमर्रा के जीवन में उतारना होगा। उनके मुताबिक यदि इस संक्रमण काल में आप सिर्फ गर्म पानी का सेवन शुरू कर दें, तो वह प्रदूषण की समस्या से राहत दिलाने में उपयोगी होगा।
डॉ. तनुजा नेसारी ने बताया कि बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर लोगों को अनावश्यक घर से बाहर जाना कम कर देना चाहिए। इसके साथ लोगों को सुबह -शाम गर्म पानी और नमक से गरारे करना चाहिए। नाक में अणु तेल लगाना चाहिए। उन्होंने बताया कि लोगों को जल नेति भी अपने दिनचर्या में शामिल करना चाहिए, इससे नाक को साफ रखने में काफी मदद मिलती है। घर से बाहर निकलने से पहले मास्क या स्कार्फ से चेहरा ढकना चाहिए। उन्होंने बताया कि मौजूदा स्थिति में लोगों को एसी के इस्तेमाल से जितना हो सके, बचना चाहिए। फिर चाहे घर पर हो या फिर गाड़ी में।
तनुजा नेसारी ने बताया कि लोगों को इस समय खान पान का भी खास ख्याल रखना चाहिए। शाम के वक्त खट्टी दही और टमाटर का सेवन नहीं करना चाहिए। इस समय प्रदूषण के साथ -साथ मौसम में बदलाव हो रहा है तो खान-पान का खास ख्याल रखना चाहिए। जहां तक हो सकें ताजा खाना खाना चाहिए। प्रदूषण के मद्देनजर शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए रोजाना प्राणायाम भी करना चाहिए । उन्होंने बताया कि इलाइची और हल्दी शरीर में विषैले प्रभाव को कम करती है। इसलिए सुबह के नाश्ते में इलाइची या अदरक की चाय को शामिल करना चाहिए। हल्दी का दूध और च्यवनप्राश का सेवन भी शुरू कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि बेहद सरल आयुर्वेद के उपायों के साथ लोग इस विषैले प्रदूषण का न केवल सामना कर सकते हैं बल्कि स्वस्थ रह सकते हैं।