सिलक्यारा/उत्तरकाशी, 20 दिसम्बर
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिला स्थित यमुनोत्री हाइवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग हादसे को 38 दिनों बीत चुके हैं, लेकिन अभी सुरंग निर्माण कार्य दोबारा से शुरू नहीं हो सका है। हालांकि सुरंग निर्माण कार्य पुन: शुरू होने को लेकर मीडिया में तैर रही खबरों को नवयुगा कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर राजेश पंवार ने खारिज किया है।
प्रोजेक्ट मैनेजर राजेश ने कहा कि सुरंग का दोबारा से निर्माण कार्य शुरू करने को लेकर अभी तक मंत्रालय की तरफ से कोई आदेश नहीं आया है। कंपनी को इस आदेश का इंतजार है। इस आदेश के आने के बाद दोबारा से सिलक्यारा सुरंग निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा है कि टनल के अंदर मलबा आने के बाद अंदर पानी इकट्ठा हो चुका है, उसे निकालने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन निर्माण कार्य अभी शुरू नहीं हुआ है।
गौरतलब है कि सिलक्यारा निर्माणाधीन सुरंग में 12 नवंबर की तड़के भूस्खलन होने से 41 मजदूर फंस गए थे। 17 दिनों तक रेस्क्यू अभियान के बाद सभी श्रमिकों को 28 नवम्बर को सकुशल बाहर निकाल लिया गया था, लेकिन तब से ही सुरंग के निर्माण का काम बंद पड़ा है। सड़क मंत्रालय की ओर से गठित विशेषज्ञ जांच समिति ने सिलक्यारा हादसे की जांच करने को टीम मौके पर भी पहुंची थी, लेकिन जांच में रिपोर्ट में का खुलासा नहीं हुआ है।
4.531 किमी लंबी सिलक्यारा-बड़कोट सुरंग का अब केवल 480 मीटर हिस्सा बचा हुआ है। इस हिस्से के निर्माण के लिए कंपनी ने बड़कोट सिरे से काम शुरू कर दिया है। जांच पूरी होने के बाद सिलक्यारा की ओर वाले सिरे से भी काम शुरू किया जाएगा। बताया जा रहा कि सुरंग का निर्माण नए साल 2024 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
कंपनी 25 दिसम्बर को सिलक्यारा सुरंग के पास करेगी बौखनाग मंदिर के लिए भूमि पूजन-
25 दिसंबर को सिलक्यारा निर्माणाधीन टनल के मुंहाने पर नवयुगा इंजीनियरिंग निर्माण कंपनी बाबा बौखनाग के मंदिर के लिए भूमि पूजन करेगा। कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर राजेश पंवार ने बताया कि बाबा बौखनाग ने मंदिर निर्माण का मुहूर्त 25 दिसंबर सोमवार को दिया है, जिसकी सभी तैयारी पूर्ण कर ली गई हैं।
गौरतलब है कि सिलक्यारा निर्माणाधीन टनल में 17 दिनों तक दिन -रात चले रेस्क्यू ऑपरेशन में देश-विदेशों के एक्सपर्ट और आधुनिक मशीनरी ने जब जवाब दे रहे थे, तब 26 नवंबर 2023 को बाबा बौखनाग ने कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर को वचन दिया था कि 3 दिन के भीतर सभी मजदूरों को सुरंग से सकुशल बाहर निकाल देंगे जो सही साबित हुआ। इस चमत्कार को दुनिया ने माना है। बाबा के इस चमत्कार को भारत देश ने ही नहीं माना बल्कि ऑस्ट्रेलिया से आये टनल एक्सपर्ट प्रोफेसर अर्नोल्ड डिस्क ने भी माना और वे बाबा बौखनाग के चमत्कार के आगे नतमस्तक हो गये थे। रेस्क्यू ऑपरेशन सफल होने के बाद वे राडी टाप के ऊपर स्थित बौख टीपा पर बाबा बौखनाग के दर्शन करने भी एसडीआरएफ की टीम के साथ पहुंचे थे।