पाकिस्तान में नवाज प्रधानमंत्री और आसिफ अली जरदारी राष्ट्रपति बनने की राह पर आगे बढ़े

इस्लामाबाद, 14 फरवरी

पाकिस्तान में आम चुनाव के बाद किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिलने के बाद जोड़ तोड़ में जुटी राजनीतिक पार्टियों ने आपसी सहमति से समाधान की तरफ बढ़ रही है। ताजा घटनाक्रम में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी के प्रधानमंत्री पद की दौड़ से पीछे हटने के साथ ही पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के प्रमुख नवाज शरीफ के चौथी बार देश के प्रधानमंत्री बनने की संभावना बढ़ गई है। वहीं दोनों दलों के बीच आपसी सहमति के बीच बिलावल भुट्टो-जरदारी ने आसिफ अली जरदारी को राष्ट्रपति बनाने की वकालत की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह भावना केवल उनके पारिवारिक संबंधों के कारण नहीं है, बल्कि उनके इस विश्वास में निहित है कि, देश के सामने मौजूद मौजूदा महत्वपूर्ण संकट को देखते हुए, आसिफ अली जरदारी के पास चुनौतियों का समाधान करने और उन्हें कम करने की क्षमता है।

वहीं जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों की संसद में सबसे अधिक सीटों पर जीतने के बाद भी सत्ता से दूर लग रही है।

बिलावल ने अपनी अध्यक्षता में हुई पीपीपी की उच्चाधिकार प्राप्त केंद्रीय कार्यकारी समिति की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनकी पार्टी केंद्र में सरकार बनाने के लिए जनादेश प्राप्त करने में विफल रही। बिलावल (35) ने कहा, इस वजह से मैं खुद को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद की दौड़ के लिए आगे नहीं रखूंगा। इससे पहले, पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक बार फिर पुष्टि की कि पीएमएल(एन) के प्रमुख नवाज शरीफ (74) चौथी बार देश के प्रधानमंत्री बनेंगे। शहबाज ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, मैंने कहा था कि नवाज शरीफ चौथी बार प्रधानमंत्री बनेंगे, और मैं आज भी इस बात पर कायम हूं कि वह चौथी बार प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं।

शहबाज शरीफ ने कहा कि उन्होंने बिलावल और उनके पिता आसिफ अली जरदारी से बात की है और नवाज शरीफ को समर्थन देने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया है। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘हमें उम्मीद है कि हम साथ मिलकर पाकिस्तान को सभी राजनीतिक और आर्थिक संकटों से बाहर निकालने में सक्षम होंगे, इंशाल्लाह।’’

सरकार गठन को लेकर पीएमएल-एन और मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) ने भी मंगलवार को बैठक की है। दोनों पार्टियां आपसी सहयोग से आगे बढ़ने पर सहमत हुईं और शहबाज शरीफ ने समर्थन के लिए एमक्यूएम-पी को धन्यवाद दिया। एमक्यूएम के संसद में 17 सांसद हैं।

शहबाज ने कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने पीपीपी के साथ गठबंधन करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद पीएमएल-एन एकमात्र ऐसी पार्टी रह गई, जिसने पीपीपी को सरकार में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है।

इमरान खान ने देश में किसी भी मुख्य राजनीतिक दल के साथ गठबंधन की सरकार बनाने के विचार को खारिज कर दिया और दावा किया कि काले धन को सफेद बनाने के काम में बड़े पैमाने पर लगे लोगों को सत्ता में लाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के संस्थापक खान(71) ने रावलपिंडी की उच्च सुरक्षा वाली अडियाला जेल में संवाददाताओं से बात की। खान ने कहा कि पीएमएल-एन, पीपीपी और मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) के साथ कोई बातचीत नहीं होगी लेकिन उन्होंने अन्य सभी पार्टियों और समूहों से संपर्क करने की इच्छा जताई है।

बिलावल ने कहा कि पार्टी ने सार्वजनिक महत्व के मुद्दों पर अभियान चलाकर राजनीतिक स्थिरता बहाल करने और मौजूदा विषाक्त राजनीतिक माहौल को समाप्त करने पर ध्यान केंद्रित किया है। पीपीपी पाकिस्तान के पीएम सहित महत्वपूर्ण वोटों का समर्थन करने और स्थिर सरकार के गठन को सुनिश्चित करने के लिए कई मुद्दों को संबोधित करने के लिए तैयार है।