दिल्ली सरकार आज 2024-25 का बजट पेश कर रही है। यह दिल्ली सरकार का लगातार 10वां बजट है। खास बात है कि इसे वित्त मंत्री आतिशी पहली बार पेश कर रही हैं। इस बार 80 हजार करोड़ से ऊपर का बजट रह सकता है। बजट में स्वास्थ्य, शिक्षा और परिवहन पर भी फोकस रह सकता है। दिल्ली सरकार आज अपना लगातार दसवां बजट पेश कर रही है। माना जा रहा है कि इस बजट में दिल्ली में बिजली-पानी में छूट, बसों में महिलाओं को मुफ्त यात्रा समेत कई पुरानी योजनाओं को जारी रखने के लिए राशि का प्रावधान नजर आएगा। यमुना नदी को साफ करने के साथ-साथ कूड़े के तीनों पहाड़ हटाने का भी जिक्र आ सकता है। पर्यावरण को भी बजट में प्राथमिकता मिलेगी। दिल्ली में प्रदूषण एक बड़ा मुद्दा है। प्रदूषण कम करने के लिए भी बजट में योजनाएं दिख सकती हैं। दिल्ली सरकार ने इस बार स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 8685 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जो पिछले साल की तुलना में 1200 करोड़ रुपये कम है। पिछले साल स्वास्थ्य का बजट 9742 करोड़ रुपये का था। स्वास्थ्य क्षेत्र में दिल्ली सरकार के कामों का उल्लेख करते हुए आतिशी ने सत्येंद्र जैन को भी याद किया। आतिशी ने सत्येंद्र जैन की तुलना हनुमान जी से करते हुए कहा जैसे वो संजीवनी बूटी लाए थे वैसे ही दिल्ली की चरमराती अर्थव्यवस्था को सत्येंद्र जैन ने संवारा। आतिशी ने बताया, इस बार स्वास्थ्य के लिए 8685 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है। आतिशी ने कहा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में पिछले 9 सालों में अभूतपूर्व काम हुआ है। वित्त मंत्री ने बताया कि दिल्ली सरकार की फरिश्ते स्कीम के तहत अब तक 22 हजार लोगों का इलाज हो चुका है। इसी योजना के एक लाभार्थी सूरज का भी उल्लेख किया जिन्हें एक्सीडेंट के बाद एक पैसा भी खर्च नहीं करना पड़ा। आतिशी ने कहा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में दिल्ली सरकार ने बहुत काम किया है। दिल्ली में रहने वाले हर व्यक्ति को हम विश्वस्तरीय सुविधाएं देंगे। आतिशी ने बजट पेश करते हुए मनीष सिसोदिया को याद करते हुए कहा कि उनके बिना दिल्ली में इतने कम समय में शिक्षा क्रांति लाना संभव नहीं था। शिक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता सराहनीय है। मनीष सिसोदिया की वजह से ही दिल्ली के स्कूलों में शिक्षा का स्तर बदला है। आतिशी ने कहा, पिछले आठ सालों से दिल्ली सरकार के स्कूलों का रिजल्ट प्राइवेट स्कूलों से बेहतर रहा है। आतिशी ने बताया दिल्ली का बजट 76 हजार करोड़ का पेश किया गया है। पिछले साल की तुलना में यह 2 हजार 800 करोड़ कम है। शिक्षा के लिए बजट में 16,396 करोड़ का प्रावधान किया गया है।