दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को आबकारी नीति मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह की न्यायिक हिरासत 5 दिन के लिए बढ़ा दी. दोनों को उनकी पूर्व में विस्तारित न्यायिक हिरासत की समाप्ति पर राउज़ एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल के सामने पेश किया गया था. अब वे ईडी द्वारा जांच किए जा रहे मामले में 7 मार्च तक जेल में रहेंगे. इस मामले में फिलहाल कोर्ट का विस्तृत आदेश नहीं आया है. सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित क्यूरेटिव पिटिशन के मद्देनजर निचली अदालत ने 17 जनवरी को ईडी और सिसोदिया के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद मामले में सिसोदिया की नियमित जमानत याचिका पर विचार किया जाए या नहीं, इस पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. पिछली सुनवाई में ईडी ने कहा था कि जब तक उनकी सुधारात्मक याचिका शीर्ष अदालत में लंबित है, तब तक सिसोदिया की नियमित जमानत याचिका पर विचार नहीं किया जाना चाहिए. विशेष वकील ज़ोहेब हुसैन ने तर्क दिया था कि दो मंचों से एक साथ राहत मांगना कानूनी अनुशासन के तहत अस्वीकार्य है, उन्होंने ट्रायल कोर्ट से क्यूरेटिव पिटिशन के निपटारे का इंतजार करने का आग्रह किया था. इसके जवाब में सिसोदिया का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील मोहित माथुर ने ईडी के इस तर्क पर सवाल उठाया था. उन्होंने कोयला घोटाला मामलों के उदाहरणों का हवाला दिया था जहां सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिकाएं लंबित होने के बावजूद मुकदमे की कार्यवाही जारी रही. अदालत ने हाल ही में सिसोदिया को अपनी भतीजी की शादी में शामिल होने के लिए तीन दिन की अंतरिम जमानत दी थी. आबकारी नीति मामले की जांच ईडी और सीबीआई दोनों कर रही है.