पानी की बर्बादी और टैंकर माफिया को लेकर दिल्ली सरकार को ‘सुप्रीम’ फटकार, मांगा हलफनामा

नई दिल्ली, 12 जून 

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में पानी के संकट के मामले पर सुनवाई करते हुए पानी की बर्बादी और टैंकर माफिया को लेकर दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है। जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली वेकेशन बेंच ने दिल्ली सरकार से कहा कि अगर टैंकर माफिया के खिलाफ आप कार्रवाई नहीं कर रहे हैं तो हम दिल्ली पुलिस को आदेश देंगे। सुप्रीम कोर्ट ने पानी की बर्बादी रोकने के लिए उठाए गए क़दमों के बारे में दिल्ली सरकार को आज शाम तक हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि इस मामले में राज्यों के सेकेट्ररी जवाब क्यों नहीं दाखिल करते हैं। हिमाचल प्रदेश ने कोर्ट में कहा था कि हमारे पास जो अतिरिक्त पानी था, वो पानी दे चुके हैं। आखिर कोर्ट में झूठे जवाब क्यों दिए जा रहे हैं। अगर पानी हिमाचल से आ रहा है तो दिल्ली में पानी कहां जा रहा है। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि टैंकर माफिया काम कर रहा है। अगर आप इस पर करवाई नहीं करते तो हम मामले को दिल्ली पुलिस को दे देंगे। हम मीडिया के जरिए इसकी तस्वीर देख रहे हैं।

कोर्ट ने दिल्ली से पूछा कि पानी की बर्बादी रोकने के लिए क्या काम किया है। क्या किसी टैंकर माफिया के खिलाफ कोई कार्रवाई आपने की है। एक भी एफआईआर आपने दर्ज कराई है। कोर्ट ने कहा कि हर साल यह समस्या आती है। तब दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हमने कार्रवाई की है। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि पानी की बर्बादी रोकने के लिए आपने जो किया है, उस पर आज शाम तक आप हलफनामा दायर करें। तब दिल्ली सरकार ने कहा कि हम हलफनामा दाखिल करेंगे।

सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार ने कहा कि दिल्ली सरकार की तरफ से गलत जवाब दिए जा रहे हैं। वकील श्याम दीवान ने कहा कि आज की सुनवाई केवल 6 जून के आदेश के पालन को लेकर है, लेकिन हर बार दिल्ली सरकार की तरफ से अलग-अलग मुद्दे सामने लाकर ऐसा ही किया जाता है। तब सिंघवी ने आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार समाधान नहीं चाहती, इसलिए सुझाव को गलत समझ रही है। इस पर श्याम दीवान ने कहा कि 52.2 फीसदी पानी दिल्ली जल बोर्ड की तरफ से नुकसान होता है।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश सरकार को भी फटकार लगाते हुए पूछा कि जब अतिरिक्त पानी नहीं है तो फिर देने की बात क्यों कही। कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश सरकार के अधिकारी को अदालत में तलब करते हुए कहा कि आपने 137 क्यूसेक पानी को लेकर अदालत में गलत जवाब दिया। पहले कहा कि अतिरिक्त पानी है। आपने फिर कहा कि फ्रेश पानी रिलीज कर दिया। इसका मतलब एक्स्ट्रा पानी नहीं था। अदालत में गलत जवाब दिया गया। हम आपके अधिकारी को जेल भेज देंगे।

याचिका में दिल्ली में पानी की किल्लत को देखते हुए हरियाणा और हिमाचल प्रदेश से एक महीने के लिए अतिरिक्त पानी दिए जाने का निर्देश देने की मांग की गई है। दिल्ली सरकार ने भीषण गर्मी का हवाला देते हुए कहा है कि दिल्ली की पानी की जरूरत बढ़ गई है। ऐसे में देश की राजधानी में पानी की जरूरत पूरा करना सबकी जिम्मेदारी है। इसलिए सीमावर्ती राज्य अतिरिक्त पानी दिल्ली को दे।