– मैरस्क फ्रैंकफर्ट के 21 चालक दल के सदस्यों में से एक की मृत्यु, बाकी सुरक्षित – आईसीजी के तीन जहाजों, ध्रुव हेलीकॉप्टरों और डोर्नियर विमानों को लगाया गया
नई दिल्ली, 23 जुलाई
अरब सागर में पनामा के मालवाहक जहाज एमवी मैरस्क फ्रैंकफर्ट में लगी आग पर भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने पांचवें दिन काबू पा लिया है। रासायनिक विशेषज्ञों सहित चार सदस्यीय बचाव दल को सफलतापूर्वक जहाज पर चढ़ा दिया गया है। आग की घटना में मैरस्क फ्रैंकफर्ट के 21 चालक दल के सदस्यों में से एक की मृत्यु हो गई है। इस ऑपरेशन में आईसीजी के तीन जहाजों और एडवांस लाइट हेलीकॉप्टरों को लगाया गया है।
गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह से श्रीलंका के कोलंबो जा रहे जहाज एमवी मैरस्क फ्रैंकफर्ट में 19 जुलाई को गोवा से लगभग 102 समुद्री मील दक्षिण-पश्चिम में आग लग गई थी। यह जहाज अंतरराष्ट्रीय समुद्री खतरनाक सामान (आईएमडीजी) कार्गो ले जा रहा था। अचानक आग लगने के बाद व्यापारिक जहाज के अगले हिस्से में विस्फोट होने से आग तेजी के साथ भड़क गई। इस जहाज पर चालक दल के 21 सदस्यों में 17 फिलिपिनो, दो यूक्रेनी, एक मोंटेनिग्रिन और एक रूसी थे। जहाज पर आग लगने के बाद एक फिलिपिनो सदस्य लापता हो गया, जिसकी बाद में तटरक्षक बल के महानिरीक्षक और कमांडर भीष्म शर्मा ने मौत होने की पुष्टि की है।
इस बीच भारतीय तटरक्षक के मुंबई स्थित समुद्री बचाव समन्वय केंद्र (एमआरसीसी) को 19 जुलाई को कर्नाटक के मंगलौर से लगभग 65 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में कारवार से 50 समुद्री मील दूर कंटेनर वाहक एमवी मैरस्क फ्रैंकफर्ट में आग लगने की सूचना मिली। इसके बाद आईसीजी ने डोर्नियर हेलीकॉप्टर और तीन जहाज सचेत, सुजीत और सम्राट को इस ऑपरेशन के लिए तैनात किया। बचाव एवं राहत कार्य बढ़ाने के लिए एडवांस लाइट हेलीकॉप्टरों (एएलएच) को भी तैनात किया गया। इसके बाद आईसीजी ऑपरेशन के तहत एमवी मैरस्क फ्रैंकफर्ट की आग बुझाने का कार्य तीसरे दिन शुरू हुआ। तटरक्षक बल के डोर्नियर विमान और एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टर ने जहाज का आकलन किया। जरूरत को देखते हुए आईसीजी प्रदूषण नियंत्रण पोत समुद्र प्रहरी को भी घटनास्थल पर भेजा गया।
तटरक्षक बल ने चालक दल के सदस्यों को उनकी सुरक्षा का भरोसा दिलाया। भारतीय तटरक्षक जहाज सुजीत, सचेत और सम्राट 12 घंटे से अधिक समय से आग को फैलने से रोकने में लगे रहे। भारतीय तटरक्षक बल के प्रयासों से जहाज के अगले हिस्से में लगी आग को बुझा दिया गया लेकिन भारी धुएं के बीच फिर से आग लग गई। इसके बाद आईसीजी प्रदूषण नियंत्रण पोत समुद्र प्रहरी को घटनास्थल पर भेजा गया। 20 जुलाई को सुबह 07 बजे तक कारवार से 6.5 समुद्री मील दक्षिण में गोवा से आईसीजी डोर्नियर विमान ने हवाई आकलन किया और साथ ही कोच्चि से एक अतिरिक्त विमान को एसएआर के लिए तैनात किया गया।
आईसीजी के तीन जहाजों और आईसीजी एएलएच हेलीकॉप्टर के साथ भारतीय तटरक्षक बल ने एमवी मैरस्क फ्रैंकफर्ट पर आग बुझाने के प्रयास जारी रखा। भारतीय तटरक्षक जहाज वराह भी 21 जुलाई को सुबह आग बुझाने के काम में शामिल हो गया। इसके अलावा 04 अपतटीय गश्ती जहाज (ओपीवी), 01 डोर्नियर और 01 एएलएच ऑपरेशन में लगे रहे, ताकि समुद्री पर्यावरण की सुरक्षा, जहाज और उसके चालक दल की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। आईसीजी जहाजों के रात भर किए गए प्रयासों से 22 जुलाई को सुबह तक आग पर काबू पा लिया गया। चौथे दिन सोमवार को आईसीजी हेलीकॉप्टरों ने जहाज की आग पर काबू पाने के लिए 150 किलोग्राम सूखा रासायनिक पाउडर गिराया, ताकि आग पूरी तरह बुझाई जा सके।
भारतीय तटरक्षक बल के प्रवक्ता अमित उनियाल ने मंगलवार को बताया कि एमवी मैरस्क फ्रैंकफर्ट पर लगी आग पर पांचवें दिन काबू पाने के बाद रासायनिक विशेषज्ञों सहित चार सदस्यीय बचाव दल को सफलतापूर्वक जहाज पर चढ़ा दिया गया है। हालांकि, जहाज पर लगी आग बीच-बीच में जलती रहती है। अभी भी जहाज की आग वाली जगह से घना धुआं निकल रहा है। आईसीजी के जहाज सचेत, सुजीत और सम्राट अभी भी आग बुझाने के अभियान में लगे हुए हैं। आईसीजी जहाज की सुरक्षा सुनिश्चित करने और पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है।