झारखंड के संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ पर सियासत ने पकड़ा जाेर

रांची, 15 जुलाई 

झारखंड के संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठियों का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। संथाल में बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर लगातार राजनीति भी गरम हाेती जा रही है। पूर्व में बांग्लादेशी घुसपैठियों को लेकर झारखंड पुलिस का स्पेशल ब्रांच भी अलर्ट जारी कर चुका है। इस बीच तीन जुलाई को झारखंड हाई कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि वह कार्य योजना तैयार कर संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ पर ब्रेक लगाए।

झारखंड के संथाल परगना प्रमंडल के रास्ते बांग्लादेशी घुसपैठ लगभग एक दशक से होता आ रहा है। अब यह समस्या जटिल रूप ले चुकी है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या वाकई झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ महज एक संयोग है या एक गहरी साजिश। झारखंड के संथाल परगना के पाकुड़, साहिबगंज, जामताड़ा, राजमहल, गोड्डा और दुमका में बड़ी संख्या में अवैध रूप से बांग्लादेशी घुसपैठियों का अलग-अलग माध्यम से आने की सूचनाओं मिलते रहती है।

लगातार जनसंख्या में हो रहा है बदलाव

साल 2001 की जनगणना में दुमका की जनसंख्या 11 लाख 7 हजार के करीब थी। वहीं, वर्ष 2011 में दुमका की जनसंख्या बढ़कर लगभग 14 लाख हो गई। आंकड़े बताते हैं कि संथाल के सभी 6 जिलों में 12 लाख से ज्यादा नई आबादी बस गई है।

पाकुड़ में सबसे अधिक बढ़ी मुस्लिम आबादी

संथाल में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी पाकुड़ में बढ़ी है। पाकुड़ में मुस्लिम आबादी में करीब 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, साहिबगंज में मुस्लिम आबादी में 37 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह है बांग्लादेशी घुसपैठ को माना जा रहा है। संथाल परगना के छह जिलों में बांग्लादेशी घुसपैठियों को बसाने में वहां के जमीन दलालों की सबसे बड़ी भूमिका है। गिफ्ट डीड के जरिए जमीन दलाल बांग्लादेशियों को बसा रहे हैं। आंकड़े बताते हैं कि झारखंड गठन के बाद संथाल परगना में जमाबंदी की गई जमीन खरीदने वालों की संख्या में अप्रत्याशित रूप से इजाफा हुआ है।

नकली बर्थ सर्टिफिकेट पर रह रहे बांग्लादेशी

13 दिसंबर, 2023 को भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स ने एक दस्तावेज जारी किया था, जिसमें यह बताया गया था कि 120 से ज्यादा नकली वेबसाइट के जरिए नकली बर्थ सर्टिफिकेट बनाए जा रहे हैं। पत्र के जरिए झारखंड को लेकर विशेष रूप से आगाह किया गया था। दो जून, 2023 को झारखंड पुलिस के स्पेशल ब्रांच ने सभी जिलों के पुलिस कप्तान और डीसी को एक पत्र लिखा था। स्पेशल ब्रांच ने लिखा था कि झारखंड राज्य अंतर्गत संथाल परगना क्षेत्र में बांग्लादेशी घुसपैठियों के प्रवेश करने की सूचना है।

स्पेशल ब्रांच को मिली जानकारी के अनुसार बांग्लादेशी घुसपैठियों को पहले विभिन्न मदरसों में ठहराया जाता है। इसके बाद उनका सरकारी दस्तावेज तैयार किया जाता है और फिर उनका नाम मतदान मतदाता सूची में शामिल कर लिया जाता है। मतदाता सूची में शामिल होने के बाद साजिश के तहत उन्हें वहां बसा दिया जाता है।

झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस अरुण कुमार राय की खंडपीठ में बांग्लादेशी घुसपैठियों को लेकर सुनवाई हुई थी। सुनवाई के बाद राज्य सरकार को यह निर्देश दिया गया है कि संथाल परगना क्षेत्र के सभी डीसी को यह निर्देश दें कि आपसी सामंजस्य से बांग्लादेश की तरफ से आने वाले घुसपैठियों को चिह्नित कर उन्हें वापस भेजने के लिए एक कार्य योजना तैयार कर उस पर काम करें। इस मामले में हाईकोर्ट में राज्य सरकार से शपथ पत्र के माध्यम से दो सप्ताह के भीतर एक स्टेटस रिपोर्ट भी दायर करने को कहा है।

राज्य सरकार और प्रशासन की मिलीभगत से हो रहा बांग्लादेशी घुसपैठ : सीपी सिंह

इस मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता और रांची विधायक सीपी सिंह ने सीधे तौर पर आरोप लगाते हुए कहा कि कहीं न कहीं राज्य सरकार और प्रशासन की मिलीभगत से संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ हो रहा है। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि जब बांग्लादेशी संथाल परगना में आते हैं तो उनका आसानी से आधार कार्ड और वोटर कार्ड जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज बन जाते हैं। इसके बाद धीरे-धीरे बांग्लादेशी घुसपैठिए झारखंड में जमीन हथियाने में लग जाते हैं।

उन्होंने बाबूलाल के डेमोग्राफी बदलने वाले बयान का समर्थन करते हुए कहा कि यह सच है कि संथाल में आदिवासियों की संख्या घटी है। क्योंकि, उनकी (बांग्लादेशी घुसपैठिए) विस्तारवादी नीति होती है। वो जहां रहेंगे, वहां किसी को रहने नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि इससे राज्य सरकार को फायदा है। उन्हें बांग्लादेशी घुसपैठिए और रोहिंग्या वालों का एकमुश्त वोट मिल जाता है।

भाजपा हार के डर से हताश और निराशः कांग्रेस

प्रदेश कांग्रेस के महासचिव राकेश सिन्हा ने सवालिया लहजे में कहा कि बाबूलाल मरांडी राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री थे। उस वक्त उन्हें क्यों नहीं पता चला कि संथाल की डेमोग्राफी बदल रही है। बाबूलाल संथाल से सांसद का चुनाव जीते और केंद्र में मंत्री रहे तब उन्हें क्यों नहीं पता चला कि संथाल का डेमोग्राफी चेंज हो रहा है। कांग्रेस नेता ने कहा कि बाबूलाल ने कौन सा जनगणना कराया है। उन्होंने कहा कि भाजपा के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है। इसलिए बांग्लादेशी घुसपैठ और डेमोग्राफी को मुद्दा बना रहे हैं।

उन्होंने कहा कि यदि सही में संथाल में बांग्लादेशी घुसपैठ हो रहा है और बाबूलाल मामले में संजिदा हैं तो देश के गृहमंत्री से इस्तीफा मांगे। क्योंकि, उनसे गृह और बॉर्डर नहीं संभल रहा है। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में जनता भाजपा को इसका जबाव देगी।