पटना, 27 अगस्त
अपर पुलिस महानिदेशक (यातायात) सुधांशु कुमार ने मंगलवार को पत्रकार वार्ता में कहा कि बिहार की यातायात व्यवस्थाओं को बेहतर और सुदृढ़ करने के लिए 10 हजार 332 पदों की स्वीकृति दी गई है।
अपर पुलिस महानिदेशक (यातायात) सुधांशु कुमार ने कहा कि पूर्व से 12 जिलों में स्वीकृत यातायात बलों के अलावे प्रदेश के अन्य 28 जिलों में यातायात थानों के लिए 4,215 और हाइवे पेट्रोलिंग योजना के लिए कुल 1,560 यातायात बलों की स्वीकृति मिली है। बीपीआरएंडडी नॉर्म्स 2015 के अनुसार पटना जिले में 1,807 अतिरिक्त यातायात बलों की स्वीकृति मिली है।
सुधांशु कुमार कहा कि बेहतर ट्रैफिक मैनेजमेंट को लेकर यातायात बलों की उपलब्धता के आधार पर विभिन्न जिलों में यातायात बल उपलब्ध कराए जा रहे हैं। सिपाही भर्ती की परीक्षा संपन्न हो जाने के बाद प्रदेश के विभिन्न जिलों में स्वीकृत बलों की पूर्ती की जाएगी।
सुधांशु कुमार ने कहा कि बिहार में नवंबर 2023 से यातायात नियमों के उल्लंघन पर मैनुअल चालान की प्रक्रिया को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। राज्य में 1,527 हैंड हेल्ड डिवाइस से यातायात नियमों को तोड़ने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है। न्यूनतम मानवीय हस्तक्षेप और साक्ष्य आधारित कार्रवाई के कारण चालान प्रक्रिया के दौरान मिलने वाली शिकायतों में काफी कमी आई है। साथ ही हैंड हेल्ड डिवाइस से कार्रवाई के कारण राजस्व में भी वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा कि राज्य में यातायात नियमों के उल्लंघन पर चालान की कार्रवाई में वर्ष 2022 से वर्ष 2023 के बीच 116.43 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वर्ष 2023 में जनवरी से जुलाई के बीच यातायात नियमों के उल्लंघन के विरुद्ध लगभग 18 करोड़ 75 लाख की जुर्माना राशि वसूली गई। इसकी तुलना में वर्ष 2024 में जनवरी से जुलाई के बीच नियम तोड़ने वालों के विरुद्ध चालान की कार्रवाई में 213 फीसदी की वृद्धि हुई है।
बीते सात अगस्त से बिहार के सभी टोल प्लाजा पर ई-डिटेक्शन पोर्टल की हुई है शुरुआत
सुधांशु कुमार ने कहा कि ट्रांसपोर्ट विभाग एवं एनआईसी के माध्यम से राज्य के सभी टोल प्लाजा पर बीते सात अगस्त 2024 से ई-डिटेक्शन पोर्टल की शुरुआत की गई है। 7 से 15 अगस्त 2024 तक यातायात नियमों के उल्लंघन पर लगभग 9 करोड़ 50 लाख रुपये का चालान किया गया है।