हरिद्वार, 28 अगस्त
मां-बाप को बिना बताए घूमने के इरादे से घर से निकले दो मासूम बच्चे समीर (16) और अलीशान (13) ट्रेन में बैठकर दिल्ली पहुंच गए। भूख-प्यास से लाचार बच्चे दिल्ली में भटकते हुए जब मां-बाप की याद आई तो रोने लगे। किसी रहम दिल ने उनकी मदद के लिए उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया। दो दिन हवालात में रखने के बाद पुलिस ने उनके परिजनों को फोन किया और परिजनों को दिल्ली बुलाकर दोनों मासूम को साथ भेजा।
मामला सुल्तानपुर चौकी क्षेत्र के गांव निहंदपुर सुठारी का है। दो मासूम अलीशान पुत्र नौशाद व समीर पुत्र स्व. असगर गत 23 अगस्त को जुमे की नमाज के बाद घर से घूमने निकले और लक्सर रेलवे स्टेशन पहुंच गए, जहां पर ट्रेनों की आवाजाही देख खुश हो रहे थे। तभी दिल्ली जाने वाली ट्रेन आई और दोनों मासूम ट्रेन में बैठकर दिल्ली पहुंच गए। दिल्ली पहुंचकर दोनों भूख-प्यास से खाने की तलाश में इधर-उधर भटक रहे थे। तब मासूमों को परिजनों की याद आई तो रोने लगे। वहीं से गुजर रहे एक राहगीर ने मासूमों को देख पूछताछ कर पुलिस के हवाले कर दिया।
पुलिस ने मासूमों से पूछताछ कर उन्हें खाना खिलाया। अगले दिन परिजनों को फोन किया और उन्हें दिल्ली बुलाया। दोनों मासूमों के परिजन दिल्ली पहुंचे और पुलिस ने विधिक कार्रवाई कर मासूमों को परिजनों के हवाले कर दिया।
अलीशान के पिता नौशाद ने बताया कि जुमे की नमाज के बाद अलीशान और समीर घर से चले गए थे, जिसका शाम तक कोई पता नहीं लगा। गुमशुदगी रिपोर्ट सुल्तानपुर चौकी और रेलवे पुलिस लक्सर में दर्ज कराई थी। नौशाद ने बताया कि समीर 16 वर्ष का है, जिसके सर पर पिता का साया नहीं है। वह देखने में महज आठ साल का ही दिखाई देता है। दिल्ली पुलिस का फोन आने के बाद दोनों मासूमों की जानकारी मिली थी, जिनको दिल्ली से लेकर आ गए हैं। चौकी प्रभारी सुल्तानपुर लोकपाल परमार ने बताया कि दोनों मासूम को परिजनों ने दिल्ली से बरामद करने की सूचना पुलिस को दी थी। पूछताछ के बाद मासूमों को परिजनों के सपुर्द कर दिया है।