TAASIR :–NEERAJ -14 SEPT
असम मंत्रिमंडल ने एक बड़ा फैसला लेना का विचार कर रही है. असम सरकार अदालतों में लंबित मामलों को वापस लेने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया यानी एसओपी में संशोधन करने का फैसला किया है. जिससे गंभीर अपराधों के निस्तारण के लिए समय दिया जा सके और विचाराधीन कैदियों को रिहा कर जेलों में भीड़ कम की जा सके. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को मंत्रिमंडल की बैठक की. इसके बाद उन्होंने कहा कि इस संशोधन से मार्च 2024 तक के 81,000 छोटे-मोटे मामले वापस लिए जा सकेंगे. मंत्रिमंडल ने ‘डसॉल्ट सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड’ के अंतरिक्ष, रक्षा, ऑटोमोटिव और इलेक्ट्रिक वाहन उद्योगों तथा अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्ट केंद्र स्थापित करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है. डसॉल्ट के परामर्श और इंप्लीमेंटेशन सहायता के लिए 200 करोड़ रुपये का निवेश भी सरकार भी करेगी. जबकि राज्य सरकार इस परियोजना में 40 करोड़ रुपये लगाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पहल के तहत करीब तीन हजार इंजीनियरिंग ग्रैजुएट को रोबोटिक्स, अंतरिक्ष, रक्षा, आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) जैसे कई क्षेत्रों में ट्रेनिंग दी जाएगी. सरमा ने आगे कहा कि मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) से 100 मेगावाट पवन-सौर हाइब्रिड बिजली की खरीद को भी मंजूरी दी है. बैठक में 4,669 अतिरिक्त संविदा शिक्षकों को नियमित करने का अवसर प्रदान करने के लिए एक विशेष भर्ती अभियान चलाने को मंजूरी दी गई है.इसके अलावा मंत्रिमंडल ने ‘ओरुनोदोई’ योजना के तहत 126 विधानसभा क्षेत्रों में 1,26,000 लाभार्थियों को जोड़ने को मंजूरी दी है. इसके साथ ही सरकार ने ऐलान किया कि 19 सितंबर से 17 लाख और लोगों को राशन कार्ड दिए जाएंगे. मंत्रिमंडल ने 362 करोड़ रुपये की लागत से असम के जूलॉजिकल पार्क की मरम्मत करने का भी निर्णय लिया गया. इन दिनों असम सरकार लगातार बड़े फैसले ले रही है. हाल ही में शुक्रवार को भी सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए करोड़ों के घोटाले वाले 32 मामलों की जांच को सीबीआई को सौंप दी. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से चर्चा के बाद ये निर्णय लिया. मुख्यमंत्री ने बताया कि कुछ प्रक्रियाओं के चलते मामलों को सीबीआई को ट्रांसफर करने में लगभग एक महीने का समय लगेगा.