TAASIR :–NEERAJ -28 SEPT
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ का चुनाव हो चुका है. नॉर्थ और साउथ कैंपस में लगभग 1.45 लाख छात्रों ने मतदान किया है. डूसू के मुख्य चुनाव कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, 52 कॉलेजों के कुल 1,45,893 छात्रों ने नए अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव के चुनाव के लिए शाम 5:45 बजे तक वोट डाले. इस बार आम आदमी पार्टी के छात्र संगठन, छात्र युवा संघर्ष समिति, ने चुनाव में भाग नहीं लिया. अब छात्र नेता वोटों की गिनती का इंतजार कर रहे हैं. बताया जा रहा है, वोटों की गिनती 21 अक्टूबर के बाद ही होगी. पहले वोटों की गिनती शनिवार को होनी थी, लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है.चुनाव को पारदर्शी तरीके से चलाने के लिए नॉर्थ और साउथ कैंपस में भारी सुरक्षा का इंतजाम किया गया था. पुलिस कर्मियों को मोटरसाइकिलों पर परिसर में गश्त करते देखा गया.चुनाव के नतीजों को लेकर गहरा सस्पेंस बना हुआ है, क्योंकि दिल्ली हाईकोर्ट ने चुनाव प्रचार में नियमों के उल्लंघन पर नाराजगी जताई थी और आदेश दिए जाने तक चुनाव के नतीजे जारी करने पर रोक लगा दी थी. वहीं, छात्र संगठनों से जुड़े छात्रों का कहना है कि इस बार के चुनाव में विश्वविद्यालय की ओर से समुचित निगरानी नहीं की गई.अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने डूसू चुनाव में वोट देने वाले सभी छात्रों का धन्यवाद किया है. परिषद ने कहा कि सभी छात्रों ने अपने मताधिकार का प्रयोग कर लोकतंत्र की पहली सीढ़ी में भागीदारी की है. वहीं, चुनाव के दौरान विद्यार्थी परिषद ने आरोप लगाया है कि एनएसयूआई के संयुक्त सचिव पद के उम्मीदवार ने वोटिंग के पहले ही दिन एक प्रोफेसर के साथ मारपीट की है. परिषद का कहना है कि यह घटना दिल्ली विश्वविद्यालय के इतिहास में एक काले अध्याय के रूप में दर्ज की जाएगी. एबीवीपी का कहना है कि एनएसयूआई की हार निश्चित है, इसलिए वे बौखलाए हुए हैं.