मुस्लिम नहीं, अल्पसंख्यक मंत्रालय.किरेन रिजिजू ने दिलाई ‘कांग्रेस के जमाने’ की याद, वक्फ बिल पर

                                  TAASIR :–NEERAJ -25 SEPT 

केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने दावा किया कि कांग्रेस के सत्ता में रहने के दौरान इस मंत्रालय को ‘मुस्लिम मंत्रालय’ के तौर पर देखा जाता था, क्योंकि वह मुसलमानों को वोटबैंक मानते थे. उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में अल्पसंख्यक मंत्रालय सभी छह अल्पसंख्यक समुदायों के विकास के लिए काम रहा है. रीजीजू ने इस दौरान पिछले 100 दिनों में अल्पसंख्यक मंत्रालय के किए कामों का भी जिक्र किया. रिजिजू ने बुधवार को कहा, ‘अल्पसंख्यक मंत्रालय के काम लोगों तक पहुंचाना जरूरी है. मैं कई जगह गया हूं. पहले लोग सोचते थे कि यह मुस्लिम मंत्रालय है जबकि इसमें छह समुदायों के लिए काम होता है. वो (कांग्रेस) मुसलमानों को वोटबैंक बनाते थे, इसलिए मुस्लिम-मुस्लिम करते रहते थे.’ रीजीजू ने कहा कि कांग्रेस के जमाने में इस मंत्रालय की की छवि ऐसी बना दी गई थी, जिससे मुसलमानों को भी नुकसान हुआ. उन्होंने दावा किया कि अल्पसंख्यकों के लिए जितना काम मोदी सरकार में हुआ है वो किसी सरकार में नहीं हुआ है. अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने इसके साथ ही कहा कि वक्फ संशोधन बिल पर विचार कर रही संसद की संयुक्त समिति जिस तेज गति से काम कर रही है, उससे उन्हें उम्मीद है कि इसकी रिपोर्ट तय समयसीमा के भीतर संसद में रख दी जाएगी. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली इस समिति को शीतकालीन सत्र के पहले सप्ताह के अंतिम दिन तक रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है. यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में सुधार के मकसद से भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार की पहली बड़ी पहल है. विधेयक में कई सुधारों का प्रस्ताव है, जिसमें मुस्लिम महिलाओं और गैर-मुस्लिम प्रतिनिधियों के प्रतिनिधित्व के साथ राज्य वक्फ बोर्डों समेत एक केंद्रीय वक्फ परिषद की स्थापना शामिल है.