काठमांडू, 20 सितंबर
नेपाल में इंटरनेट सेवा देने वाली भारत की एयरटेल और टाटा टेलीकम्युनिकेशंस को पिछले डेढ़ साल से भुगतान नहीं मिला है। इसलिए अब तक कुल बकाया राशि 7000 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है। अब इन कंपनियों ने कभी भी इंटरनेट कनेक्शन बंद करने की चेतावनी दी है।
नेपाल में इस बकाया राशि को लेकर सरकार और इंटरनेट सेवा प्रदाता कंपनी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। एक ओर जहां ये कंपनियां नेपाल सरकार पर नेपाली रुपये को अमेरिकी डॉलर में बदलने की सुविधा बंद करने का आरोप लगा रही हैं, वहीं सरकारी पक्ष का कहना है कि निजी कंपनियां अपने फायदे के लिए जरूरत से ज्यादा एक्सचेंज सुविधा की मांग कर रही हैं।
आईएसपी कंपनी की ओर से अपना पक्ष रखते हुए नेपाल की सबसे बड़ी इंटरनेट सेवा प्रदाता कंपनी वर्ल्ड लिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुधीर पराजुली ने कहा कि सरकार की तरफ अब तक एक्सचेंज की सुविधा नहीं दी गई है। अगर देश में इंटरनेट का कनेक्शन काटा जाता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी। नेपाल के इंटरनेट सेवा प्रदाता कंपनियों के संगठन के अध्यक्ष समेत रहे पराजुली ने कहा कि पिछले डेढ़ साल से लगातार ही सरकार को पत्र लिख कर एक्सचेंज की सुविधा देने का आग्रह किया जा रहा है।
सरकारी पक्ष का तर्क है कि इंटरनेट सेवा प्रदाता कंपनियों के लिए कुछ नियम कानून बनाए गए हैं। सरकार की तरफ से कुछ शर्तें भी रखी गई है। सूचना एवं संचार मंत्रालय की प्रवक्ता ममता बस्तोला ने कहा कि जब तक इंटरनेट सेवा प्रदाता कंपनी के तरफ से सरकार की शर्तों का पालन नहीं किया जाता है, तब तक उन्हें सुविधा नहीं मिलने वाली है। बस्तोला के मुताबिक देश के सभी इंटरनेट सेवा प्रदाता कंपनी को ग्रामीण क्षेत्रों में अनिवार्य इंटरनेट पहुचाने और दुर्गम क्षेत्र में इंटरनेट की सेवा मुहैया कराने को कहा गया है।
एयरटेल और टाटा कम्युनिकेशन से बैंडविथ या अपस्ट्रीम सेवा खरीदने वाली नेपाली कंपनियों को 7000 करोड़ रुपये बकाया है। इसमें एयरटेल को करीब 4.38 करोड़ की देनदारी बाकी है, जबकि टाटा को 2.72 करोड़ रुपये देना बाकी है। नेपाल के कुल इंटरनेट खपत में एयरटेल की 70 प्रतिशत भागीदारी है, जबकि बाकी 20 प्रतिशत टाटा कम्युनिकेशन की हिस्सेदारी है। बकाया रकम न देने कारण 6 महीने पहले ही इन दोनों ही कंपनियों ने 6 घंटे तक इंटरनेट बंद कर दिया था।