TAASIR :–NEERAJ – 03, Oct
बिहार में जाने-माने चर्चित चेहरे के रूप में पहचाने जाने वाले राजद के शासन काल के पूर्व विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री स्वर्गीय बृज बिहारी प्रसाद हत्याकांड में गुरुवार को फैसला आया है। सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व विधायक विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला और अन्य शख्स को दोषी करार दिया है। मुन्ना शुक्ला समेत दो को उम्रकैद की सजा हुई है। वहीं, इस मामले में पूर्व सांसद सूरजभान सिंह और राजन तिवारी समेत पांच लोगों को बरी कर दिया गया है। चुकी पटना हाईकोर्ट ने 2014 में सभी आठ आरोपियों को बरी कर दिया था। पूर्व मंत्री स्वर्गीय बृज बिहारी प्रसाद की पत्नी और भाजपा नेता पूर्व सांसद रमा देवी और सीबीआई ने भी पटना हाईकोर्ट के इस फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने 21 और 22 अगस्त को सुनवाई पूरी करते हुए आदेश को सुरक्षित रख लिया था। पूर्व मंत्री बृज बिहारी प्रसाद की हत्या साल 1998 में उस समय कर दी गई थी, जब वे आईजीआईएमएस में इलाज के लिए भर्ती थे। निचली अदालत ने साल 2009 में आठ आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। साल 1998 में बृज बिहारी प्रसाद की हत्या पटना के IGIMS में कर दी गई थी। तब वो शाम के वक्त हॉस्पिटल कैंपस में वॉक कर रहे थे। उसी दरमियान वहां पहुंचे अपराधियों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी। उस वक्त बिहार में राबड़ी देवी की सरकार थी। बृज बिहारी उस समय के वैश्य समुदाय के सबसे बड़े नेता माने जाते थे। बताया जाता है उनके आह्वान पर नब्बे के दशक में पटना गांधी मैदान में वैश्य समुदाय का रैली आयोजन किया गया था, जिसमें लाखों की संख्या में लोग शामिल हुए थे, जिससे उनका राजनीति में बहुत कद सामने आया था। वहीं, उसके बाद उनकी हत्या हो गई। इस बड़े हत्याकांड में सूरजभान सिंह उर्फ सूरज, विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला, राजन तिवारी, मुकेश सिंह, ललन सिंह, मंटू तिवारी, कैप्टन सुनील सिंह, राम निरंजन चौधरी और शशि कुमार राय को आरोपी बनाया गया था। पति की हत्या के बाद रमा देवी ने भाजपा का दामन थाम लिया था। वो शिवहर लोकसभा से सांसद रह चुकी हैं। इस बड़े हत्याकांड की गूंज उस वक्त पटना से लेकर दिल्ली तक थी। इस केस के सभी आरोपियों के खिलाफ पटना के सिविल कोर्ट में ट्रायल चला था। लंबे वक्त तक चले ट्रायल के बाद 12 अगस्त 2009 को सभी आरोपियों को दोषी ठहराते हुए कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इसके बाद आरोपियों ने हाईकोर्ट में अपील की थी। लंबी सुनवाई के बाद 24 जुलाई 2014 को इस मामले में पटना हाईकोर्ट का फैसला आया था। सबूतों के आधार पर हाईकोर्ट ने कहा था कि सूरजभान सिंह और विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला समेत केस के सभी आरोपी संदेह का लाभ पाने के हकदार हैं। इस कारण इनकी ट्रायल कोर्ट की तरफ से दिए गए सजा को खारिज कर दिया और सभी आरोपियों को केस से बरी कर दिया था। पटना हाईकोर्ट के फैसले से रमा देवी खुश नहीं थीं। इसी वजह से उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट के फैसले को उन्होंने चुनौती दी थी, जिसके बाद जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस आर माधवन की पीठ ने सबूतों के अभाव में आरोपियों को बरी किए जाने के इस मामले में सुनवाई की। इस मामले में CBI ने भी अपना पक्ष रखा था। क्योंकि हत्या के बाद हुए बवाल के कारण उस वक्त राज्य सरकार ने केस की जांच केंद्रीय एजेंसी को सौंप दी थी। वहीं, सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने बाद चार बार की रही सांसद बृज बिहारी प्रसाद की पत्नी रमा देवी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं, न्याय की जीत हुई है। पूर्व मंत्री इंजीनियर बृज बिहारी प्रसाद की पत्नी रमादेवी ने कहा मेरे पति के हत्यारे को सर्वोच्च न्यायालय ने एक बड़ी सजा दी है। आज न्याय की बड़ी जीत हुई है। हमारी लड़ाई आगे भी जारी रहेगी और अन्य दोषियों को भी सजा दिलाएंगे। इसके लिए हम केंद्र सरकार में गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आभार व्यक्त करते हैं कि उन्होंने न्याय दिलवाने में हमारी खूब मदद की है। इसके साथ ही हमारी लड़ाई अन्य आरोपियों को दोषी को सजा दिलाने में जारी रहेगी। अन्य को भी सजा मिलती तो और पति की आत्मा को और शांति मिलती। सुप्रीम कोर्ट ने बाहुबली मुन्ना शुक्ला और एक अन्य को दोषी ठहराते हुए निचली अदालत द्वारा सुनाई गई उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा है। जिसे लेकर के भाजपा की पूर्व सांसद और पूर्व मंत्री की पत्नी रामदेवी ने कहा अब दोषी जल्द जेल जाएंगे तो पति को शांति मिलेगी। इस तरह से उनकी निर्मम हत्या की गई। माता दुर्गा ने हमारी प्रार्थना सुन ली। आज नवरात्र भी है और इस दिन फैसला आना एक बड़ा सकेत है कि माता दुर्गा भी एक अपने बच्चे को न्याय दिलाने वाली है। जो बुरा करेगा उसका नाश होगा, हम हार नहीं मानने वालो में से है। अब 26 वर्ष ही लग गए न्याय मिलने में लेकिन इस बात की खुशी है कि आखिर न्याय मिला है। बिहार सरकार के विज्ञान एवं प्राद्यौगिकी विभाग के मंत्री बृज बिहारी प्रसाद हत्या कांड मामले में पटना हाई कोर्ट ने वर्ष 2014 में सबूतों के अभाव में सभी आठ आरोपियों को बरी कर दिया था। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में तत्कालीन जनता दल यूनाइडेट नेता और पूर्व विधायक विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला, पूर्व सांसद सूरजभान, पूर्व विधायक राजन तिवारी समेत आठ लोगों को इस मामले में बरी किया था। तब हाई कोर्ट की ओर से आरोपियों को बरी करने के फैसले को मंत्री की पत्नी और सांसद रमा देवी और सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। बता दें कि बृज बिहारी प्रसाद की पत्नी रमा देवी बीजेपी से शिवहर लोकसभा क्षेत्र से सांसद भी रही हैं।