नई दिल्ली, 4 अक्टूबर
लंबे समय से सुस्ती का सामना कर रहा देश का ऑटोमोबाइल सेक्टर अक्टूबर के महीने में एक बार फिर रौनक लौटने की उम्मीद कर रहा है। तीन अक्टूबर से नवरात्रि की शुरुआत होने के साथ ही ऑटोमोबाइल सेक्टर को ओवरऑल बिक्री में तेजी आने की उम्मीद है। उत्तर भारत में नवरात्रि के दौरान नई गाड़ी खरीदना शुभ माना जाता है। यही कारण है कि इस अवधि में आमतौर पर टू और फोर व्हीलर्स की बिक्री में तेजी आती है।
पेसेंजर व्हीकल्स के लिहाज से पिछले कुछ महीने काफी सुस्ती वाले रहे हैं। मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भी ऑटोमोबाइल कंपनियों को डिमांड में आई सुस्ती की मार झेलनी पड़ी। हालांकि पहली तिमाही के दौरान पैसेंजर और कमर्शियल व्हीकल्स तथा टू व्हीलर्स की डिमांड में आई कमी के लिए लोकसभा चुनाव की व्यस्तता और गर्मी के मौसम को जिम्मेदार माना गया लेकिन पहली तिमाही खत्म होने के बाद जुलाई और अगस्त में भी ऑटोमोबाइल सेक्टर की डिमांड में तेजी नहीं आ सकी।
ऑटोमोबाइल सेक्टर को उम्मीद थी कि सितंबर के महीने में गणेश चतुर्थी और ओणम जैसे त्योहारों के दौरान मार्केट में डिमांड बढ़ेगी, लेकिन सितंबर के महीने में भी पैसेंजर व्हीकल्स, टू व्हीलर्स या कमर्शियल व्हीकल्स की मांग में सुस्ती बनी रही। सितंबर के दूसरे पखवाड़े में पितृपक्ष शुरू हो जाने के कारण भी ऑटोमोबाइल सेक्टर की बिक्री लगभग ठप पड़ी रही। हिंदू परिवारों में आमतौर पर पितृपक्ष के दौरान नई गाड़ी, घर या गहने की खरीदारी करना अच्छा नहीं माना जाता है। हालांकि पितृपक्ष के तुरंत बाद नवरात्रि का समय गाड़ियों की खरीद के लिए सबसे अच्छे समय में से एक माना जाता है। यही कारण है कि ऑटोमोबाइल सेक्टर की कंपनियों ने अक्टूबर के महीने से काफी उम्मीद लगा रखी है।
ऑटोमोबाइल मार्केट के जानकारों का कहना है की 3 अक्टूबर से नवरात्रि की शुरुआत होने के कारण गाड़ी के खरीदारी में तो तेजी आएगी ही, अक्टूबर के अंत में दीपोत्सव की शुरुआत हो जाने की वजह से भी मार्केट में नई गाड़ियों की मांग बढ़ेगी। इस महीने 29 या 30 अक्टूबर को धनतेरस मनाया जा सकता है। इसी तरह दीपावली 31 अक्टूबर या 1 नवंबर को मनाई जा सकती है। धनतेरस और दीपावली के दिन भी गाड़ियों की खरीदारी में आमतौर पर तेजी आती है। इससे साफ है कि इस साल फेस्टिव सीजन के लिए होने वाली अधिकांश खरीदारी अक्टूबर के महीने में ही की जाएगी।
हालांकि कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि अक्टूबर में भी ऑटोमोबाइल सेक्टर को निराश होना पड़ सकता है। ऑटोमोबाइल मार्केट के एक्सपर्ट धीरेंद्र कुमार दुग्गल का कहना है कि अगर कंजम्प्शन के आंकड़ों को देखा जाए तो पिछले 2 साल के दौरान कंज्यूमर गुड्स और व्हीकल जैसे प्रीमियम कैटेगरी के प्रति लोगों की रुचि में कमी आई है। इसलिए शहरी क्षेत्र में पैसेंजर व्हीकल या टू व्हीलर की डिमांड में बहुत अधिक तेजी आने की उम्मीद नहीं है। हालांकि मानसून की अच्छी बारिश के कारण ग्रामीण इलाकों में डिमांड बढ़ने की उम्मीद की जा सकती है लेकिन कुछ राज्यों में आई बाढ़ का असर भी ऑटोमोबाइल कंपनियों की बिक्री को प्रभावित कर सकता है।