TAASIR :–NEERAJ – 14, Nov
मुजराई मंत्री रामलिंगा रेड्डी के नेतृत्व में राज्य धार्मिक परिषद की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई. इस बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिनमें तीर्थयात्रियों के लिए वित्तीय सहायता, धार्मिक भवन निर्माण, और मंदिर संपत्तियों की सुरक्षा जैसे विषय शामिल थे. बैठक में यह निर्णय लिया गया कि वैष्णो देवी जाने वाले कर्नाटका राज्य के तीर्थयात्रियों को 5000 रुपये की सहायता राशि दी जाएगी. यह कदम तीर्थयात्रियों को आर्थिक सहायता प्रदान करने और उनके धार्मिक यात्रा अनुभव को आसान बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है. इसके अलावा, मुजराई विभाग ने राज्य के एमएस बिल्डिंग के पास 3/4 एकड़ जमीन पर एक धार्मिक भवन बनाने का निर्णय लिया. इस परियोजना पर लगभग 10 करोड़ रुपये का खर्च आएगा और यह धार्मिक कार्यों को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण होगा. बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि मैसूर के 120 वर्ष पुराने संस्कृत महाराजा कॉलेज के नवीनीकरण के लिए अनुदान जारी किया जाएगा. यह कदम इस ऐतिहासिक कॉलेज को और अधिक उन्नत बनाने के लिए उठाया गया है. मुजराई विभाग ने राज्य भर के मंदिरों से संबंधित संपत्तियों का सर्वेक्षण किया है. यदि किसी संपत्ति पर अतिक्रमण पाया गया, तो उसे तुरंत हटाने का आदेश दिया गया. इसके अलावा, मंदिर संपत्तियों की सुरक्षा और उनके रिकॉर्ड को व्यवस्थित करने का भी निर्णय लिया गया. विद्या सहाय धन योजना के लिए आवेदन की अंतिम तिथि पहले समाप्त हो चुकी थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 31 दिसंबर तक कर दिया गया है. इससे अधिक से अधिक बच्चों को इस योजना का लाभ मिल सकेगा. बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि जिन 14 मंदिरों के प्रबंधन समितियों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, उनके लिए नई समिति बनाई जाएगी. इसके अलावा, 28 मंदिरों के लिए जो आवेदन स्वीकार किए गए हैं, उनके लिए भी प्रबंधन समिति का गठन होगा. कुछ मंदिरों के लिए पुनः आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे. इस महत्वपूर्ण बैठक में मुजराई मंत्री रामलिंगा रेड्डी के साथ कई प्रमुख सदस्य उपस्थित थे, जिनमें के. एम. नागराज, द्वारकानाथ, के. चन्द्रशेखर, महंतेश प्रभु शास्त्री, श्रीमती मल्लिका पक्कल, मठसिद्ध पंडितराध्या, राधाकृष्ण, श्रीवत्स केदिन्थालय, और डॉ. एमवी वेंकटेश आयुक्त शामिल थे. यह बैठक कर्नाटका राज्य में धार्मिक मामलों को लेकर कई महत्वपूर्ण फैसलों की शुरुआत साबित हुई है, जो राज्य के धार्मिक और सांस्कृतिक विकास में सहायक सिद्ध होंगे.