युद्ध विराम के दौरान दक्षिणी लेबनान में इजराइली सेना और हिजबुल्लाह के आतंकी भिड़े

बेरूत, 28 नवंबर

लेबनान में दो माह के युद्ध विराम को प्रभावी हुए 24 घंटे से ज्यादा का वक्त गुजर चुका है। अधिकतर क्षेत्रों से इजराइली सुरक्षा बल (आईडीएफ) और हिजबुल्लाह के आतंकवादी पीछे हट चुके हैं। मगर लड़ाई रुकने के कुछ घंटों बाद दक्षिणी लेबनान के कुछ इलाकों में आईडीएफ के जवानों और हिजबुल्लाह के लड़ाकों के बीच झड़प हो गई। इसमें हिजबुल्लाह को काफी क्षति हुई। द यरूशलम पोस्ट के अनुसार युद्ध विराम लागू होने के बाद ज्यादातर हिस्सों से आईडीएफ के जवान और हिजबुल्लाह के लड़ाके पीछे हट चुके हैं। लेबनान की सेना दक्षिणी लेबनान में उल्लेखनीय रूप से आगे बढ़ रही है। आईडीएफ और हिजबुल्लाह के बीच बुधवार को दक्षिणी लेबनान के कई इलाकों में जमीनी भिड़ंत जरूर हुई लेकिन सुबह चार बजे शुरू हुआ संघर्ष विराम का प्रभाव दिखने लगा है। आईडीएफ ने कहा कि हिजबुल्लाह ने कई जगह संघर्ष विराम के उल्लंघन की कोशिश की। उसके लड़ाके दक्षिणी लेबनान के कुछ क्षेत्रों में प्रवेश की कोशिश करने लगे। चेतावनी के बावजूद जब वह नहीं रुके तो गोलीबारी करनी पड़ी। इस दौरान कई लड़ाके मारे गए। कुछ घबराकर पीछे लौट गए। चार लड़ाकों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। आईडीएफ ने कहा कि अगर युद्ध विराम के दौरान हिजबुल्लाह ने उल्लंघन की हरकत की तो लेबनान में और शक्तिशाली हमले किए जाएंगे। हालांकि आईडीएफ के आला अधिकारी ने उम्मीद जताई कि हिजबुल्लाह युद्ध विराम की शर्तों का सम्मान करेगा। इस अधिकारी ने दोहराया कि अगर युद्ध विराम समझौते का उल्लंघन हुआ तो इजराइल पूरे लेबनान में कार्रवाई करने के लिए तैयार रहेगा।आईडीएफ ने कहा कि बुधवार को युद्ध विराम लागू होने के कुछ ही घंटों बाद उसके सैनिकों ने निषिद्ध क्षेत्र में पाए गए संदिग्धों पर गोली चला दी। इससे पहले बेरूत में इजराइली वायुसेना के हमले में हिजबुल्लाह के ऑपरेशन अधिकारी जफर अली समाहा की मौत हो गई। इस हमले में हिजबुल्लाह की हवाई इकाई में कमांड की अधिकांश शृंखला का सफाया हो गया। लेबनानी संसद के सदस्य और हिजबुल्लाह के सक्रिय कार्यकर्ता हसन फदलल्लाह ने कहा कि अब अगर इजराइल हमला करता है तो आतंकवादी समूह को अपना बचाव करने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि युद्ध विराम समझौते में 60 दिनों की अवधि शामिल है। इस दौरान इजराइली सेना दक्षिणी लेबनान से हटेगी। वहां लेबनान की सेना तैनात होगी और हिजबुल्लाह लितानी नदी के उत्तर में आगे बढ़ेगा।