अभिषेक मनु सिंघवी की सीट से मिली नोटों की गड्डियां, राज्यसभा में हंगामा

TAASIR :–NEERAJ – 06, Dec

राज्यसभा में शुक्रवार को नया विवाद देखने को मिला. उच्च सदन में कांग्रेस की बेंच से नोट मिलने की बात सामने आई. सभापति जगदीप धनखड़ ने खुद इसकी जानकारी दी. उन्होंने इसे बेहद गंभीर मामला बताया है. उन्होंने कहा कि मामले की जांच चल रही है. इस बीच खुलासा हो गया कि विपक्षी सांसद अभिषेक मनु सिंघवी की सीट से नोटों की ये गड्डियां मिली. हालांकि सभापति ने नाम का खुलासा नहीं किया था. इस मसले पर केंद्रीय मंत्री और सदन के नेता जेपी नड्डा ने कहा कि किसी पर तीव्रता दिखाओ और किसी मुद्दे पर मिट्टी डालो. मैं सोच रहा था विपक्ष के नेता बड़े सीनियर नेता हैं और वह कहेंगे कि मामले की जांच होनी चाहिए. लेकिन ऐसा नहीं कहा उन्होंने. मैं चाहता हूं कि मामले की जांच होनी चाहिए और डिटेल आनी चाहिए. इससे पहले सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सभापति को इस मामले की जांच करनी चाहिए.उन्होंने कहा कि हमने कभी किसी मामले को नहीं दबाया है. मामला दबाने का काम हमेशा दूसरे पक्ष का रहा है. इस पर पीयूष गोयल ने कहा कि अभी तो नोट मिले हैं और पता नहीं क्या क्या मिलेगा. विपक्ष फेक न्यूज फैलाता रहता है और विदेशी ताकतों के साथ मिलकर सदन चलने नहीं देता है. एलओपी ने आज जो कहा है उसे नियम बनाया जाए कि जिस मामले की जांच हो रही है या कानूनी प्रक्रिया हो रही है उस मामले को नहीं उठाया जाएगा और सदन में हंगामा नहीं मचाएंगे. फेक नैरेटिव पर विश्वास नहीं जताएंगे और मामले की जांच पहले होगी. उधर, केंद्रीय मंत्री किरन रिजीजु कहा कि सदन में सम्मान बना रहना चाहिए. खरगे जी ने सदन के नेता को नड्डा बोलकर संबोधित किया है. मैं चाहता हूं कि सदन गरिमा से चलना चाहिए. अगर आप छोटे-छोटे मुद्दे उठाकर सदन की कार्रवाई प्रभावित नहीं करेंगे तो हम भी आश्वासन देते हैं तो सत्ता पक्ष भी कोई हंगामा नहीं करेगा. इस बीच इस मसले पर अभिषेक मनु सिंघवी का भी बयान आ गया है. वह सदन में 222 नंबर सीट पर बैठते हैं. गुरुवार को वह सदन में गए थे लेकिन केवल तीन मिनट वहां रहे. उन्होंने कहा कि वह 12:57 बजे सदन में गए थे. सुरक्षा जांच के दौरान गुरुवार शाम में नोट मिलने की बात समाने आई. पहली बार सुन रहा हूं. अभी तक कभी नहीं सुना था. जब मैं सदन जाता हूं तो एक 500 रुपये का नोट साथ लेकर जाता हूं. पहली बार सुना है. मैं 12:57 बजे सदन के अंदर पहुंचा और 1 बजे निकल आया. फिर मैं 1:30 बजे तक कैंटीन में बैठा और फिर संसद भवन से चला गया.