नई दिल्ली/गुरुग्राम, 18 मार्च
बदलाव की ओर अग्रसर टाटा समूह की एयरलाइन कंपनी एअर इंडिया को उम्मीद है कि 2027 के मध्य तक उसके सभी पुराने चौड़े आकार के विमानों की मरम्मत एवं नवीनीकरण का काम पूरा हो जाएगा।
एअर इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) कैंपबेल विल्सन ने मंगलवार को यहां आयोजित एक कार्यक्रम में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कंपनी को उम्मीद है कि 2027 के मध्य तक सभी पुराने वाइड बॉडी विमानों का उन्नयन पूरा हो जाएगा। कैपबेल विल्सन ने कहा कि दुनियाभर के विमानन बाजार में अगले चार से पांच साल तक आपूर्ति सीमित रहने की संभावना है।
कैंपबेल विल्सन ने कहा कि एअर इंडिया का लक्ष्य 2027 के मध्य तक सभी पुराने वाइड-बॉडी विमानों की मरम्मत पूरी करना है। उन्होंने कहा कि एयरलाइन कुछ नए विमानों में प्रथम श्रेणी के केबिन शुरू करने की भी योजना बना रही है। एअर इंडिया के सीईओ और एमडी ने कहा कि विस्तारा विमान की रंगाई-पुताई और नवीनीकरण का काम डेढ़ साल में पूरा होने की उम्मीद है। पूर्ण सेवा प्रदाता विस्तारा का पिछले साल एयर इंडिया में विलय कर दिया गया था।
विल्सन ने कहा कि विमानों की मरम्मत एयरलाइन की पहली प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि पुराने बोइंग 777 विमानों की मरम्मत पिछले साल शुरू होनी थी लेकिन सीटों की आपूर्ति संबंधी समस्याएं थीं। “हम अब इन विमानों को भारी मरम्मत कार्यक्रम के तहत ला रहे हैं।” उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर विमानों की कमी एयरलाइन की वृद्धि में बाधा बन रही है, जो अगले चार से पांच साल तक जारी रहेगी, क्योंकि आपूर्ति में कमी के कारण जेट निर्माता बोइंग और एयरबस में उत्पादन प्रभावित हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि टाटा समूह द्वारा एयरलाइन का नियंत्रण अपने हाथ में लेने के दो साल बाद एअर इंडिया एक महत्वाकांक्षी बदलाव की रणनीति के बीच में है लेकिन जेट डिलीवरी में देरी होने के कारण इसके पुनर्गठन के प्रयास जटिल हो गए हैं। एयरलाइन को पुराने जेट विमानों को नियोजित अवधि से अधिक समय तक संचालित करने के लिए मजबूर किया है, जिससे रखरखाव लागत में वृद्धि हुई है। इसके आधुनिकीकरण और विस्तार अभियान में कमी आई है।