रांची, 4 मार्च
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से दायर शिकायत पर ईडी के अधिकारियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को चुनौती देने वाली ईडी के अधिकारियों कपिल राज एवं अन्य की याचिका की सुनवाई झारखंड हाई कोर्ट में हुई। मंगलवार को मामले में कोर्ट ने ईडी अधिकारी को दी गई अंतरिम राहत बरकरार रखी है। राज्य सरकार को प्रतिशपथ पत्र दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय कोर्ट ने दिया है।
पूर्व में कोर्ट ने ईडी के अधिकारियों को अंतरिम राहत देते हुए गोंदा पुलिस द्वारा 41 ए के तहत दिए गए नोटिस पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने कहा था कि अगले आदेश तक पुलिस ईडी अधिकारियों को 41 ए का नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए नहीं बुला सकती है। ईडी की ओर से अधिवक्ता एके दास एवं सौरव कुमार ने पैरवी की।
उल्लेखनीय है कि यह एफआईआर झारखंड पुलिस ने एससी-एसटी एक्ट के तहत रांची के एससी-एसटी थाना में दर्ज की है। यह एफआईआर हेमंत सोरेन सोरेन की दिल्ली आवास पर ईडी की ओर से की गई तलाशी के संबंध में एक शिकायत को लेकर की गई है। ईडी की ओर से इस केस को निरस्त करने का आग्रह कोर्ट से किया गया है। एफआईआर में ईडी के सीनियर अधिकारियों पर दिल्ली में हेमंत सोरेन के आवास पर की गई तलाशी का आरोप लगाया गया है। इस एफआईआर में ईडी के तत्कालीन अतिरिक्त निदेशक कपिल राज, सहायक निदेशक देवव्रत झा और अनुमान कुमार और अमन पटेल के साथ-साथ अज्ञात अधिकारियों का नाम शामिल है। इसमें हेमंत सोरेन ने आरोप लगाया कि उनके दिल्ली आवास पर ईडी का तलाशी अभियान उन्हें और उनके समुदाय को परेशान करने और बदनाम करने के इरादे से चलाया गया। ईडी के अधिकारियों ने मीडिया को इसकी जानकारी लीक की, जिससे जनता की नजर में उनकी प्रतिष्ठा धूमिल हो जाए।