कोलकाता, 10 अप्रैल
पश्चिम बंगाल में मनरेगा के तहत 100 दिनों के काम में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच में बड़ी राशि की बरामदगी सामने आई है। बुधवार को कलकत्ता हाई कोर्ट में दायर एक रिपोर्ट में बताया गया कि राज्य के चार जिलों से अब तक कुल 2.4 करोड़ रुपये बरामद किए गए हैं।
हाई कोर्ट के आदेश पर गठित एक विशेष जांच समिति ने यह रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस समिति में राज्य और केंद्र सरकार दोनों के प्रतिनिधि शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार, हुगली, पूर्व बर्दवान, मालदा और दार्जिलिंग जिलों में कुल मिलाकर 50 करोड़ रुपये से अधिक के भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे।
केंद्रीय टीम ने पहले ही आरोप लगाया था कि असली लाभार्थियों को वंचित कर, यह पैसा अन्य व्यक्तियों के बैंक खातों में भेजा गया था।
गुरुवार को सुनवाई के दौरान, मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और न्यायमूर्ति चैतालि चटर्जी की डिवीजन बेंच ने कहा कि इस मामले में सीबीआई जांच की मांग पर विचार किया जाएगा।
सुनवाई के दौरान, मुख्य न्यायाधीश ने केंद्र सरकार से यह भी पूछा कि क्या चार जिलों को छोड़कर बाकी राज्य में 100 दिनों का कार्य फिर से शुरू किया जा सकता है। साथ ही सवाल किया कि यदि ऐसा होता है तो क्या केंद्र फंडिंग बहाल करेगा?
हाई कोर्ट ने यह भी पूछा कि जो राशि बरामद की गई है, क्या उसे वास्तविक लाभार्थियों को लौटाया जा सकता है?
ज्ञात हो कि वर्ष 2022 से ही केंद्र सरकार ने मनरेगा के तहत पश्चिम बंगाल को फंड देना बंद कर दिया था, जिससे राज्यभर में 100 दिनों के कार्य प्रभावित हुए हैं।
डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि अगली सुनवाई तक इस संबंध में पूरी स्थिति स्पष्ट करें।