जाली नोट के तस्कर असलम ने किये कई खुलासे

TAASIR HINDI NEWS NETWORK OM SINGH

जाली नोट के तस्कर असलम ने किये कई खुलासे
-पाकिस्तान में छपे उच्च गुणवत्ता के भारतीय जाली नोट -नेपाल के रास्ते पहुंचा रहा था देश के कई राज्यो मे
-कई राज्यो में सक्रिय थे इसके सिंडिकेट के सदस्य
पूर्वी चंपारण,04 अगस्त

बिहार में पूर्वी चंपारण जिले के सीमाई शहर रक्सौल से 31 जुलाई को गिरफ्तार नेपाली नागरिक व जाली नोट का तस्कर असलम उर्फ गुलटेन ने पूछताछ के दौरान कई अहम खुलासे किये है।
इस अंर्तराष्ट्रीय तस्कर सिंडिकेट ने अपना जाल भारत के कई राज्यो में फैला रखा था।इस गिरोह को भारतीय जाली नोट की आपूर्ति पाकिस्तानी नागरिक सैयद मोहम्मद शफी काठमांडू में करता था।जहां से गिरोह के सदस्य इन नोटो को नेपाल के बारा जिला के जीतपुर लाते थे।वहां से धीरे धीरे अन्य रास्तो से भारत के कई राज्यो में पहुंचाया जाता था।पुलिस को दी गयी जानकारी के बाद एनआईए की टीम ने देश के अन्य राज्यो में फैले इस सिंडिकेट के अन्य सदस्यो की तलाश शुरू कर दी है। नेपाल के पर्सा जिला के इनरवा गांव निवासी असलम ने पूछताछ में बताया कि नेपाल इनका शेफ जोन है।उनके गिरोह में बिहार के अलावा बंगाल, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान,उत्तराखंड व महाराष्ट्र के लोग भी शामिल है।वही जाली नोट के मुख्य आपूर्त्तिकर्त्ता शफी का नेटवर्क भारत,नेपाल,बांग्लादेश,म्यांमार व खाड़ी के कई देशो तक है।जिनका मुख्य उद्देश्य भारतीय मुद्रा का अवमूल्यन व यहां की अर्थव्यवस्था को चौपट करना है।
असलम ने पुलिस को बताया है,कि पाकिस्तानी शफी पहले नेपाली नागरिक मोहम्मद अली अख्तर अंसारी को जाली नोट की आपूर्त्ति करता था,और वह भी पहले अख्तर के साथ ही जाली नोटों का धंधा करता था। लेकिन सितंबर 2015 में अली की गिरफ्तारी के बाद नेपाल और भारत में फैले इस सिंडिकेट की पूरी कमान उसके पास आ गया।उल्लेखनीय है,कि असलम देश के अन्य राज्यो में हमेशा पाकिस्तान में छपे उच्च गुणवत्ता वाले जाली नोट ही भेजता था।वही समान्य गुणवत्ता वाले नोट की सप्लाई नेपाल और उसके सीमाई क्षेत्र के ग्रामीण इलाको में करता था।
असलम को 2019 में एनआईए ने दिल्ली में पहली बार उच्च गुणवत्ता वाले नोट के साथ ही गिरफ्तार किया था।जहां से जमानत मिलने के बाद वह अंडरग्राउंड होकर इस पूरे नेटवर्क का संचालन कर रहा था। पूछताछ में जानकारी यह भी मिली है,कि यह नेटवर्क वर्ष 2000 से ही काम कर रहा है,लेकिन नोटबंदी के बाद इन लोगो ने अपने पूरे पैटर्न में बदलाव किया है।मिली जानकारी के अनुसार पाकिस्तान से वाया नेपाल भारत में दो तरह के जाली नोट भेजे जाते है। जिसमे एक उच्च गुणवत्ता वाले होते है,वही दूसरा उसकी कॉपी,उच्च गुणवत्ता के नोट बिल्कुल भारतीय रुपये की तरह होते हैं।जिसे समान्य तौर पर पहचान करना मुश्किल होता है।इन नोटो के कागज और उसमें लगा तार भी पूरी तरह भारतीय नोट की तरह होता है।
गिरोह के लोग 50 हजार के असली भारतीय नोट बदले पाक निर्मित उच्च गुणवत्ता के एक लाख मूल्य के जाली भारतीय नोट प्राप्त करते है,वही सामान्य गुणवत्ता वाले जाली नोट 30 से में 35 हजार भारतीय असली नोट देकर एक लाख मूल्य तक प्राप्त करते है।पूर्वी चंपारण के एसपी कांतेश कुमार मिश्र के अनुसार जाली नोट के तस्कर असलम अंसारी उर्फ गुलटेन की गिरफ्तारी और उसके खुलासे के बाद इसके पूरे नेटवर्क के जानकारी जुटाई जा रही है।