TAASIR HINDI NEWS NETWORK ABHISHEK SINGH
देहरादून (उत्तराखंड), 17 नवंबर
मुख्यमंत्री के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने शुक्रवार को सचिवालय स्थित आपदा नियंत्रण कक्ष में पहुंचकर उत्तरकाशी के सिल्क्यारा में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन का अपडेट लेते हुए महत्वपूर्ण निर्देश दिए। एसीएस राधा रतूड़ी ने सिल्क्यारा में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की अद्यतन स्थिति और टनल में फंसे श्रमिकों की कुशलक्षेम की जानकारी ली।
अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश हैं कि रेस्क्यू कार्यों में लगी सभी टेक्निकल एजेंसियों को शासन-प्रशासन और अधिकारियों की ओर से सभी आवश्यक सहयोग व सहायता ससमय उपलब्ध कराई जानी चाहिए। एसीएस ने बताया कि मुख्यमंत्री बचाव कार्यों में लगी एजेंसियों और जिलाधिकारी उत्तरकाशी से निरन्तर अपडेट ले रहे हैं। साथ ही कमिश्नर गढ़वाल एवं आईजी गढ़वाल के निरन्तर सम्पर्क में हैं। मुख्यमंत्री ने राहत एवं बचाव कार्यों में लगी हुई केंद्रीय एजेंसियों की टीम की हौसला अफजाई की है। केन्द्र सरकार के स्तर से भी रेस्क्यू ऑपरेशन की निरन्तर निगरानी की जा रही है तथा राज्य सरकार को पूरा सहयोग मिल रहा है।
आपदा नियंत्रण कक्ष में सम्बन्धित अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार सुबह 9ः30 बजे तक 22.0 मीटर पाइप पुशिंग का काम पूरा हो चुका है। पांचवें पाइप की पोजिशनिंग का कार्य प्रगति पर है। स्टील पाइप को सफलतापूर्वक पुश करने के लिए विशेषज्ञों द्वारा कार्य की प्रगति की निगरानी की जा रही है। एनएचआईडीसीएल के निदेशक (ए एंड एफ), निदेशक (टी), कार्यकारी निदेशक (पी) और बीआरओ, एनएचएआई, आरवीएनएल, राइट्स, भारतीय रेलवे, यूएसबीआरएल, इरकॉन, केआरसीएल, प्राधिकरण के इंजीनियर, मेसर्स नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड, एसजेवीएनएल के विशेषज्ञ और डिजाइनर मेसर्स बर्नार्ड बचाव अभियान की नजदीकी निगरानी व श्रमिकों की जल्द निकासी के लिए साइट पर मौजूद हैं।
अधिकारियों ने बताया कि ढही हुई सुरंग के 40 मीटर के लिए शॉटक्रेटिंग के साथ खुदाई का कार्य प्रगति पर है। बाएं और दाएं दोनों तरफ शीर्ष से 10 मीटर ऊपर गुहा बन गई है। सुरंग के साथ चिमनी का निर्माण शुरू हो गया है। अतिरिक्त शॉटक्रीट मशीन को कार्य स्थल पर स्थानांतरित किया गया है। प्राधिकरण अभियंता, टीम लीडर, आरवीएनएल से भूवैज्ञानिक निदेशक, एनएचआईडीसीएल के निदेशक (ए एण्ड एफ), निदेशक (टी) और कार्यकारी निदेशक (टी) और सीजीएम, एनएचएआई के भू-तकनीकी विशेषज्ञों ने ढहने वाली जगह का समय-समय पर दौरा किया है।
उन्होंने बताया कि रातभर और उसके बाद सभी विकल्पों पर विचार किया गया। परिणामस्वरूप जो विकल्प कार्यान्वयन के अधीन है उसके तहत अंदर फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए हाइड्रोलिक जैक की मदद से 900 मिमी व्यास वाले एमएस स्टील पाइप को धक्का देना है। सुरंग के अंदर फंसे कार्यबल के पास पानी, भोजन, ऑक्सीजन, बिजली सभी उपलब्ध हैं। छोटे भोजन के पैकेट भी संपीड़ित हवा के साथ एक पाइप के माध्यम से सुरंग के अंदर भेजे गए हैं। श्रमिकों ने खाद्य सामग्री प्राप्त होने की पुष्टि की है। श्रमिकों ने कहा है कि वे सभी सुरक्षित हैं।