जांच के लिए सूरत पहुंची मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम
-एनकाउंटर स्पेशलिस्ट दया नायक भी जांच में जुटे
सूरत, 22 अप्रैल
मुंबई में सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग मामले का तार सूरत से जुड़ा है। मामले में दो आरोपितों के गुजरात के कच्छ से गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में उनके घटना के बाद सूरत आने की जानकारी मिली है। आरोपितों ने जिस रिवॉल्वर से सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग की थी, उसके तापी नदी में फेंक देने का भी अनुमान है। मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम एनकाउंटर स्पेशलिस्ट दया नायक के साथ रिवॉल्वर ढूंढ़ने के लिए तापी में सर्च ऑपरेशन चला रही है।
मुंबई पुलिस ने कच्छ जिले के मातानुं मढ से 15 अप्रैल को विक्की शाह (24) और योगेन्द्र पाल (21) को गिरफ्तार किया था। दोनों आरोपित मूल बिहार के पश्चिम चंपरण जिले के बताए जाते हैं। इन दोनों आरोपितों ने 14 अप्रैल को सलमान खान के घर के बाहर गोली चलाई थी। 14 अप्रैल को सुबह करीब 5 बजे मुंबई के बांद्रा इलाके में स्थित ‘गैलेक्सी अपार्टमेंट्स’ के बाहर बाइक सवार 2 आरोपितों ने 4 गोलियां चलाई और फरार हो गए। मुंबई पुलिस की टीमों ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो उसमें 2 शूटर दिखाई दिए। पुलिस को सूचना मिली की घटना को अंजाम देकर दोनों आरोपित गुजरात की ओर भागे हैं। बाद में पुलिस ने दोनों को कच्छ के मातानुं मढ से गिरफ्तार कर लिया। बाद में इन्हें पूछताछ के लिए मुंबई ले जाया गया था। आरोपितों से पूछताछ के बाद घटना में इस्तेमाल हुआ रिवॉल्वर तापी में फेंके जाने की जानकारी के बाद इसकी तलाश में पुलिस जुट गई है। पुलिस अलग-अलग टीम इसकी जांच कर रही है। मुंबई क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने बताया कि फायरिंग की घटना में शामिल का उद्देश्य महज सलमान खान को डराना नहीं था, बल्कि उनकी हत्या करना था। कच्छ में पकड़े गए दोनों आरोपित एक अन्य आरोपित के सम्पर्क में थे, पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया है। धटना की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग के लेने के बाद पुलिस ने कई एंगल से इसकी जांच शुरू कर दी थी।
सलमान खान के घर के बाहर गोली चलाने के बाद आरोपित समीप के माउंट मेरी चर्च के समीप बाइक छोड़ दी थी। इसके बाद वे रिक्शा पकड़कर बांद्रा रेलवे स्टेशन पहुंचे। यहां से लोकल ट्रेन में सवार होकर बोरीवली से पहले सांताक्रूज उतर गए। पैदल चलते हुए वाकोला तक गए। फिर रिक्शा में सवार होकर बोरीवली गए। बोरीवली से सूरत के लिए टैक्सी पकड़ी, लेकिन ड्राइवर के पास अंतरराज्यीय परमीट नहीं होने के कारण उन्हें गुजरात बॉर्डर पर ही उतरना पड़ा। इसके बाद दोनों ट्रक से सूरत पहुंचे। यहां से सूरत रेलवे स्टेशन पहुंचे और भुज जा रही ट्रेन में सवार हो गए। सूरत के अश्वनीकुमार के पास रेलवे ब्रिज से चालू ट्रेन से रिवॉल्वर नदी में फेंक दी थी।