सीबीआई कोर्ट ने सात साल बाद सुनाया फैसला
चंडीगढ़, 04 मई
हरियाणा के नूंह जिले में हुए डिंगरहेड़ी गैंगरेप और दोहरे हत्याकांड के मामले में सीबीआई की अदालत ने सभी चार दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है। अदालत का यह फैसला करीब सात साल बाद आया है। सीबीआई कोर्ट द्वारा दस अप्रैल को आरोपितों को दोषी करार देकर फैसला आरक्षित रखा गया था।
नूंह जिले के अंतर्गत आते तावडू क्षेत्र के गांव डींगरहेड़ी में 24-25 अगस्त 2016 की रात कुल्हाड़ी गैंग के बदमाशों ने दोहरे हत्याकांड सहित एक नाबालिग सहित दो युवतियों के साथ सामूहिक बलात्कार जैसी जघन्य वारदात को अंजाम दिया था। कथित तौर पर दूसरे समुदाय के आरोपित दो युवतियों के साथ गैंगरेप के अलावा दंपति की हत्या कर परिवार के पांच लोगों को घायल कर खून से लथपथ वहीं छोड़कर भाग गए थे।
इस मामले में 10 आरोपित न्यायिक हिरासत में थे। आरोपित विनय उर्फ लंबू, जयभगवान, हेमंत चौहान और अयान चौहान को बीती दस अप्रैल को आईपीसी की धारा 376डी, 302, 325, 326, 397, 459, 460 और पोस्को एक्ट के तहत दोषी करार दिया गया था। आरोपित तेजपाल, अमित, रविंद्र, कर्मजीत, संदीप और राहुल वर्मा को सीबीआई कोर्ट ने बरी किया है। एक आरोपित अमरजीत पैरोल पर आने के बाद फरार हो गया था, जिसकी गिरफ्तारी अभी बाकी है।
बचाव पक्ष के वकील एसपीएस परमार एवं अभिषेक राणा ने बताया कि 2016 में 24 और 25 अगस्त की रात सामूहिक दुष्कर्म सहित दंपति की हत्या हुई थी। सीबीआई द्वारा इस मामले में गहनता से जांच के बाद 12 लोगों को मुख्य आरोपित बनाया था, लेकिन एक आरोपित ने बाद में सीबीआई द्वारा तलब किए जाने पर आत्महत्या कर ली थी।
पटौदी के मंदपुरा गैंगरेप में पुलिस ने बावरिया गिरोह के धमरू, मुन्ना उर्फ लक्की, लंबू उर्फ टुल्ली व राजबीर को गिरफ्तार किया गया था। आरोपितों ने डिंगरहेडी गैंगरेप व मर्डर की बात को स्वीकार किया था। जिसके बाद सीबीआई ने चारों से पूछताछ पर उन्हें ही मुख्य आरोपित माना था। जिस पर इस केस में पहले से चारों युवकों ने हाईकोर्ट में जमानत की याचिका लगाई थी। वारदात डिंगरहेड़ी में अगस्त 2016 में हुई थी। जिसके बाद मेवात पुलिस ने चार स्थानीय युवकों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। आज सीबीआई कोर्ट ने चारों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है।