ड्यूटी जज न्याय बिंदु ने केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 3 जुलाई तक बढ़ाई
नई दिल्ली, 19 जून
दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट की ड्यूटी जज न्याय बिंदु ने दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 3 जुलाई तक बढ़ा दी है। कोर्ट केजरीवाल की नियमित जमानत याचिका पर कल यानी 20 जून को भी सुनवाई जारी रखेगा।
केजरीवाल की आज न्यायिक हिरासत खत्म हो रही थी, जिसके बाद उन्हें वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया। कोर्ट ने पांच जून को केजरीवाल की न्यायिक हिरासत आज तक के लिए बढ़ाई थी। कोर्ट केजरीवाल के मेडिकल चेक अप के दौरान वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल को शामिल होने की अनुमति देने की मांग पर भी कल यानी 20 जून को सुनवाई करेगा।
केजरीवाल की नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान केजरीवाल की ओर से पेश वकील विक्रम चौधरी ने कहा कि केजरीवाल की गिरफ्तारी और हिरासत को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। सुप्रीम कोर्ट में दायर मामले की जानकारी देते हुए चौधरी ने कहा कि पहले सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान अंतरिम जमानत देते हुए कहा था कि केजरीवाल अपनी नियमित जमानत के लिए निचली अदालत में अर्जी दाखिल कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि इस मामले में 27 अगस्त, 2022 को ईडी ने ईसीआईआर दर्ज की और केजरीवाल की गिरफ्तारी 2024 में हुई। मनी लांड्रिंग कानून के तहत और कई शिकायतें दर्ज की गई हैं। इसमें कई चार्जशीट दाखिल की गई और किसी में भी केजरीवाल को आरोपित नहीं बनाया गया है। यहां तक कि सीबीआई की ओर से दर्ज एफआईआर में भी अभी तक केजरीवाल को आरोपित नहीं बनाया गया है। इस मामले में सीबीआई ने 17 अगस्त, 2022 को केस दर्ज किया था। सीबीआई ने इस मामले में कई चार्जशीट दाखिल की गई हैं, लेकिन सीबीआई की पूछताछ में भी कुछ नहीं मिला।
केजरीवाल की ओर से दलील देते हुए कहा गया कि वह दिल्ली के मुख्यमंत्री है और एक राष्ट्रीय पार्टी के प्रमुख हैं। उनसे समाज को कोई खतरा नहीं है। वैसे भी यह मामला अगस्त, 2022 से लंबित है। केजरीवाल के वकील ने कहा कि इस मामले में सीबीआई ने उनसे पूछताछ भी की है, लेकिन सीबीआई को अभी तक केजरीवाल के खिलाफ कुछ नहीं मिला है। केजरीवाल के वकील ने कहा कि ईडी ने जब पहला समन जारी किया था तो केजरीवाल ने ईडी से पूछा था कि उन्हें किस हैसियत से समन दिया गया है। यह भी पूछा था कि क्या उनको मुख्यमंत्री के रूप या पार्टी के मुखिया के रूप में या निजी रूप से उनको समन जारी किया है।
ईडी ने चौथा समन ई-मेल से भेजा था, जिसमें ईडी ने कहा था कि उनको निजी रूप से बुलाया गया है, वह अभी मामले में आरोपित नहीं है। केजरीवाल ने कहा कि मैं किसी विशेष दर्जे का दावा नहीं कर रहा हूं, लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि एक संवैधानिक पदाधिकारी को बुलाया जा रहा है। अगर आप मेरा सम्मान नहीं कर रहे हैं तो कोई बात नहीं, पर कम से कम पद का तो सम्मान करना ही चाहिए। उन्होंने कहा कि जब कोई मुख्यमंत्री लिखता है कि मुझे व्यक्तिगत रूप से बुलाया जा रहा है और इससे मेरे आधिकारिक कर्तव्य प्रभावित होते हैं। चौधरी ने गिरफ्तारी की तारीख का हवाला देते हुए कहा कि 16 मार्च, 2024 को लोकसभा चुनाव की घोषणा हुई और उसी दिन मुझे समन जारी किया। यह पूरा मामला अगस्त, 2022 में शुरू हुआ और केजरीवाल की गिरफ्तारी चुनाव से ठीक पहले मार्च, 2024 में हुई।
चौधरी ने कहा कि केजरीवाल की गिरफ़्तारी के समय के पीछे भी एक दुर्भावना है। केजरीवाल के वकील ने कहा कि यह पूरा केस सिर्फ ऐसे गवाहों के बयान पर आधारित है, जिनको पहले गिरफ्तार किया गया। उसके बाद उनको जमानत दिलाने और उनको माफ करने का वादा किया गया। केजरीवाल के वकील ने कहा कि इस मामले में अगस्त, 2023 में आखिरी बार बयान दर्ज किया गया था। एजेंसी ने रिकॉर्ड पर कहा है कि केजरीवाल आरोपित नहीं है, लेकिन जब मुझे गिरफ्तार किया गया तो उन्होंने मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक के रूप में केजरीवाल की भूमिका का उल्लेख किया।
कोर्ट ने 30 मई को केजरीवाल की अंतरिम और नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए ईडी को नोटिस जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट ने 29 मई को केजरीवाल की सात दिन की अंतरिम जमानत के आवेदन को स्वीकार करने से इनकार करते हुए कहा था कि चूंकि केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने पर फैसला पहले ही सुरक्षित रखा जा चुका है, इसलिए अंतरिम जमानत बढ़ाने की उनकी याचिका का मुख्य याचिका से कोई संबंध नहीं है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें नियमित जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट जाने की अनुमति भी दी है। सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को केजरीवाल को एक जून तक की अंतरिम जमानत देते हुए दो जून को सरेंडर करने का आदेश दिया था। केजरीवाल ने दो जून को सरेंडर किया था।