मतगणना की प्रक्रिया मजबूत, पूरी तरह से तैयार है आयोग: मुख्य चुनाव आयुक्त

नई दिल्ली, 3 जून 

चुनाव आयोग का कहना है कि कल होने वाली मतदान प्रक्रिया के लिए वह पूरी तरह से तैयार है। आयोग की चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह से मजबूत है। करीब 10 लाख अधिकारी मतगणना प्रक्रिया में शामिल हैं और कुल राजनीतिक व अन्य को जोड़ दिया जाए तो करीब 70 से 80 लाख लोग इस प्रक्रिया का हिस्सा बनेंगे।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने अन्य दो आयुक्तों ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू ने देशभर में मतदान की प्रक्रिया पूरी होने के बाद आज आकाशवाणी के रंग भवन में पत्रकार वार्ता को संबोधित किया। इसमें उन्होंने चुनाव आयोग की इन चुनावों में प्राप्त उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए बताया कि इसबार आयोग ने क्या नया सीखा।

राजीव कुमार ने कहा कि आयोग के खिलाफ नरेटिव के लिए हमें पहले से तैयार होना चाहिए था। चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठने शुरू हो गए। इसका हमने मुकाबला भी किया लेकिन उसमें गलत धारणाओं को बदलने में समय लगा। इसके अलावा उन्होंने गर्मी को भी प्रमुख विषय माना और कहा कि मतदान की प्रक्रिया को इतना आगे नहीं ले जाना चाहिए था।

चुनाव आयोग ने बताया कि इस बार करीब 64.2 करोड़ मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया, जिसमें 31.2 करोड़ महिलाएं थीं। उन्होंने कहा कि मतदान की यह संख्या जी7 देशों की डेढ़ गुना और यूरोप की आबादी के पांच गुना है।

उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए सीईसी ने बताया कि इस बार पिछले आम चुनाव के 540 स्थानों के मुकाबले केवल 39 स्थानों पर ही दोबारा मतदान कराना पड़ा। इनमें से भी अरुणाचल और मणिपुर में 25 स्थान हैं यानि देशभर में लगभग न के बराबर दोबारा मतदान करना पड़ा। इस बार का मतदान हिंसा मुक्त रहा। इस बार आयोग की सख्ती से करीब 10 हजार करोड़ रुपये की जब्ती की गई है।

हिंसा के विषय पर चुनाव आयुक्त ने बताया कि कुछ राज्यों पश्चिम बंगाल, मणिपुर, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश में केन्द्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती आचार संहिता के समय के बाद भी रहेगी। राज्य सरकारों के अंतर्गत यह चुनाव बाद होने वाली हिंसा को रोकने के लिए काम करेंगे।

मतपत्रों की गिनती पहले पूरी कर नतीजे घोषित करने के सवाल पर चुनाव आयोग ने कहा कि नियम तय हैं और उसके तहत गिनती होगी। लगातार मतपत्रों से होने वाले मतदान की संख्या में इजाफा हो रहा है। उन्होंने कहा कि ज्यादातर मामलों में मतपत्रों की गिनती पहले पूरी हो ही जाती है। उन्होंने कहा कि मतपत्रों की गिनती शुुरू होने के आधे घंटे बाद ईवीएम की गिनती होती है और उसके बाद पांच वीवीपैट मशीनों से उसका मिलान किया जाता है।