नीट-यूजी : एनटीए ने 1500 से ज्यादा उम्मीदवारों को दिए ग्रेस मार्क्स की समीक्षा के लिए समिति गठित की

– एनटीए ने पेपर लीक नहीं होने की पुष्टि की

नई दिल्ली, 8 जून

नीट-यूजी 2024 के नतीजों को लेकर चल रहे विवाद के बीच राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने 1,500 से ज्यादा उम्मीदवारों को दिए गए ग्रेस मार्क्स का पुनर्मूल्यांकन करने के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया है। समिति एक हफ्ते के अंदर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। यह कदम बढ़े हुए अंकों के व्यापक आरोपों के बाद उठाया गया है, जिसके परिणामस्वरूप 67 उम्मीदवारों ने शीर्ष रैंक साझा की, जिनमें एक ही परीक्षा केंद्र के छह उम्मीदवार शामिल थे।

एनटीए के महानिदेशक सुबोध कुमार सिंह ने नीट परीक्षा विवाद पर शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि उम्मीदवारों ने कुछ मुद्दे उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यह दुनिया या देश की सबसे बड़ी प्रतियोगी परीक्षा है, जो एक ही पाली में होती है, जिसमें लगभग 24 लाख उम्मीदवार और 4,750 केंद्र थे। इस परीक्षा का पैमाना सबसे बड़ा है। लगभग छह केंद्रों पर प्रश्नपत्रों के गलत वितरण के कारण लगभग 16,000 उम्मीदवार प्रभावित हुए। उम्मीदवारों ने आरोप लगाया कि उन्हें कम समय मिला। हमने उच्च न्यायालय में जवाब दिया है कि हमने विशेषज्ञों की एक शिकायत निवारण समिति बनाई है। यह समिति केंद्र से रिपोर्ट, सीसीटीवी फुटेज सहित समय की बर्बादी के विवरण पर गौर करेगी। समिति में यूपीएससी के पूर्व अध्यक्ष और अन्य शिक्षाविद शामिल हैं। समिति एक हफ्ते के अंदर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। उसके बाद फैसला लिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि हमने सभी चीजों का पारदर्शी तरीके से विश्लेषण किया और नतीजे घोषित किए। 4,750 केंद्रों में से समस्या सिर्फ छह केंद्रों तक सीमित थी और 24 लाख उम्मीदवारों में से सिर्फ 1,600 उम्मीदवार प्रभावित हुए। पूरे देश में इस परीक्षा की शुचिता से समझौता नहीं किया गया। हमने अपने सिस्टम का विश्लेषण किया और पाया कि कोई पेपर लीक नहीं हुआ।

एनडीए के डीजी ने कहा कि जिन नीट अभ्यर्थियों को ग्रेस अंक दिए गए हैं, उनके परिणाम संशोधित किए जा सकते हैं, प्रवेश प्रक्रिया प्रभावित नहीं होगी। नीट-यूजी ग्रेस मार्क्स मुद्दे की समीक्षा करने वाला पैनल एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।

उल्लेखनीय है कि एनटीए ने 5 मई 2024 को नीट-यूजी की परीक्षा आयोजित की थी। 14 विदेशी केंद्रों सहित यह परीक्षा 571 शहरों में 4750 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की गई थी। 14 लाख 6 हजार उम्मीदवारों ने पंजीकरण कराया था। 4 जून को परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया था।