जैसलमेर, 24 सितंबर
जोधपुर रेंज पुलिस ने सात दिनों में साढे पांच हजार किलोमीटर पीछा कर नेपाल बॉर्डर से छह साल से पैराेल पर फरार मर्डर के आरोपित को गिरफ्तार किया है। 6 सालों में आरोपित ने बड़ा गिरोह बनाया आैर मादक पदार्थ की तस्करी करने लगा। टीम ने तीन माह तक ऑपरेशन ओल्ड मॉक चलाकर राजस्थान से दिल्ली, झारखंड, बिहार के रांची, पटना, मुजफ्फरपुर, मोतीहारी, रक्सौल और नेपाल बॉर्डर तक तलाश की। आरोपित लगातार सिम कार्ड बदल-बदल कर और ऐप्स के जरिए पुलिस को चकमा देता रहा है।
जोधपुर रेंज आई जी विकास कुमार ने बताया कि तीन माह तक चलाए ऑपरेशन के बाद पैरोल पर फरार मर्डर के आरोपित वीरमाराम को गिरफ्तार किया है। 6 सालों इसने मादक पदार्थ तस्करी का बड़ा नेटवर्क खड़ा कर दिया था। फिलहाल आरोपित से पूछताछ की जा रही है।
आरोपित ने साल 2010 में अपने ही गांव के धर्माराम नामक युवक का मर्डर किया था। इस केस में कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। साल 2018 में पैरोल पर बाहर आकर फरार हो गया। आरोपित वीरमाराम पैरोल पर बाहर आने के बाद जगराम नाम से फर्जी आधार कार्ड बनाकर छुप कर रह रहा था। आरोपित ने झारखंड, बिहार इलाके में रहकर मादक पदार्थ की तस्करी शुरू की।
जोधपुर रेंज आई जी विकास कुमार ने बताया कि इलेक्ट्रोनिक मनी ट्रांसफर के आधार पर रांची में सरगना के होने की छोटा सा क्लू मिला। इस पर साइक्लोनर टीम तू डाल-डाल मैं पात पात के तर्ज पर रांची से पीछा करते हुए मुजफ्फरपुर पहुंची। मुजफ्फरपुर में कई होटल खंगालने के बाद वीरमाराम के हुलिए का व्यक्ति एक होटल में जगाराम के नाम से ठहरना पाया गया। आरोपित का फोटो 2010 का था, 15 सालों में हुलिया बदल जाने के कारण अपराधी काे पकड़ने में टीम को मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
टीम ने हुलिया बदल जाने के कारण पकड़ने में बहुत कठिनाई होने की संभावना के चलते साईक्लोनर टीम ने मुज्जफरपुर स्थित होटल के मैनेजर से होटल का सीसीटीवी फुटेज देखना चाहा तो उसकी दौरान सीसीटीवी फुटेज में आरोपित दिखा। वहां से वीरमाराम का नवीनतम फोटो मिल गया।रक्सोल में ट्राजिंट रिमांड लेकर पुलिस टीम सोमवार को जोधपुर पहुंची। अब आरोपित को बाड़मेर पुलिस के हवाले किया जाएगा। फरारी अवधि में वीरमाराम के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के कई मामले दर्ज है।