कुशीनगर, 01 अक्टूबर
एक अक्तूबर से शुरू होकर 31 मार्च को समाप्त होने वाले बौद्ध सर्किट के पर्यटन सीजन पर वियतनाम, थाईलैंड और म्यांमार में आई बाढ़ ने ब्रेकर लगा दिया है। बिहार की बाढ़ भी वजह बनी है। जिससे देशी बौद्ध पर्यटक भी यात्रा पर नही निकल रहे हैं।
अमूनन पर्यटन सीजन शुरू होने के पूर्व से ही महापरिनिर्वाण स्थल कुशीनगर सहित बौद्ध सर्किट के सभी तीर्थस्थल थाईलैंड, वियतनाम, ताइवान, भूटान, म्यांमार,नेपाल, श्रीलंका के सैकड़ों पर्यटकों से भर जाते थे। किंतु नए सीजन में बेहद कम पर्यटक दिख रहे। पहले दिन मंगलवार को श्रीलंका व ताइवान के पर्यटक दिखे जरूर पर उनकी संख्या बेहद कम थी।
बौद्ध सर्किट में आने वाले पर्यटकों में बड़ी संख्या थाईलैंड के बौद्ध अनुआइयों की है। दूसरे नंबर पर वियतनाम और म्यांमार का नाम आता है। ऐसे में यहां के पर्यटकों की संख्या में कमी आने से पर्यटन सीजन के प्रभावित होने का अंदेशा है। दूसरी तरफ बिहार के अनेक जिले बाढ़ से जूझ रहे हैं। पश्चिम बंगाल के कोलकाता एयरपोर्ट और बिहार में बोधगया एयरपोर्ट की अनेक बौद्ध देशों से एयर कनेक्टविटी हैं। बिहार से पर्यटक उप्र के बौद्ध स्थलों का रुख करते हैं और कोलकाता आने वाले पर्यटक भी बिहार होते हुए उप्र आते हैं। बाढ़ ने बिहार की सड़कों, संचार, रेल आदि सेवाओं प्रभावित किया है। ऐसे में बिहार के बाढ़ की स्थिति भी बौद्ध सर्किट के पर्यटन सीजन को प्रभावित करने की वजह बन रही है।
बौद्ध देशों के पर्यटकों के संपर्क में रहने वाले भिक्षु अशोक ने बताया की पर्यटकों की कमी का मुख्य कारण वियतनाम,थाईलैंड,म्यांमार,नेपाल सहित बिहार में आई बाढ़ है। जिससे पर्यटक स्थिति सामान्य होने के बाद आने की बात कह रहे हैं। पर्यटन सीजन के जोर पकड़ने में एक माह का समय लग सकता है।